नई दिल्ली (एजेंसी), पूरे विश्व में कोरोना वैक्सीन बनाने को लेकर तैयारी चल रही, कई देश दावा भी कर रहें हैं कि हम वैक्सीन बनाने के नजदीक फहुंच चुके हैं | इसी बीच रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर इस समय दुनियाभर में चर्चा जारी है। फिलहाल भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और चीन समेत कई देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच भारत में बन रही वैक्सीन को लेकर भी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि भारत की वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल पूरा हो गया है और अब दूसरे चरण के ट्रायल की तैयारी चल रही है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया गया है, जिसे ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) नाम दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल के लिए वॉलंटियर्स (स्वयं सेवकों) की पहचान की जा रही है |
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कुल 12 केंद्रों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, जिसमें से 11 केंद्रों पर पहले चरण का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है। सिर्फ दिल्ली के एम्स में ही ये बाकी है। दरअसल, दिल्ली एम्स में वैक्सीन के ट्रायल के लिए सिर्फ 16 लोग ही सामने आए थे जबकि अन्य केंद्रों पर ये संख्या कहीं अधिक थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के नागपुर में 55 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी गई थी, जिसमें से कुछ को वैक्सीन देने के बाद बुखार की समस्या आई थी। हालांकि कुछ ही घंटे में वो लोग ठीक भी हो गए थे। उसके बाद से उनमें किसी भी तरह का कोई अन्य लक्षण देखने को नहीं मिला था। हालांकि अब तक पहले चरण के ट्रायल के निष्कर्ष सामने नहीं आए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट जल्द ही दी जाएगी। माना जा रहा है कि अब भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के दूसरे चरण का ट्रायल सितंबर में हो सकता है। इसके लिए वॉलंटियर्स की तलाश जारी है।
इस समय अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन का भी दूसरे चरण का मानव परीक्षण चल रहा है। जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने कहा था कि पहले चरण में वैक्सीन को सुरक्षित पाया गया। जिन्हें यह वैक्सीन दी गई थी, उनकी सात दिनों तक डॉक्टरों की टीम द्वारा निगरानी की गई, लेकिन कोई भी साइड-इफेक्ट देखने को नहीं मिला।
Recent Comments