मुनस्यारी,। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने मुख्यमंत्री के आपदाग्रस्त क्षेत्रो हवाई हर्वे किए जाने पर सवाल खड़े किए.कहा कि मुख्यमंत्री धरती पर नहीं उतरे तो वे पंचायत प्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ 16 अगस्त को धरती पर सांकेतिक उपवास करेंगे.
सीमांत क्षेत्र में आपदा की पहली घटना को 18 अगस्त को एक माह का समय हो गया जाएगा.एक माह होने की तिथि से दो दिन पहले मुनस्यारी क्षेत्र में 16 अगस्त को सीएम के आने का जो कार्यक्रम आया है, उसने आपदा प्रभावितों के घावो में नमक छिड़कने का काम किया है.
आपदा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पैदल यात्रा कर आपदा की भयावह मंजर देख कर चले गए है.
आपदा की घटनाओं में अपने परिजनो को खोने वालों के आंखो के आंसू भी सूख गए है.
जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि आज हमने सीएम का जो कार्यक्रम देखा उससे बेहद निराशा हुई है. कहा कि आपदा की घटना के दो दिन बाद सीएम हवाई सर्वे कर रहे है तो बात समझ में आती है, लेकिन एक माह होने में मात्र दो दिन बचे है, ऐसे समय में सीएम का हवाई सर्वे केवल खानापूर्ति वाला दौरा है.
मर्तोलिया ने कहा कि मुनस्यारी के आसपास के 28 गांवो में केदारनाथ जैसी त्रासदी आई है, केवल जनहानि नहीं हुई है. सवाल उठाया कि क्या केवल सीएम साहब जनहानि होने पर ही एक माह बाद इन गांवो में आएंगे?
मर्तोलिया ने कहा कि मुनस्यारी के गांवो का अस्तित्व बचेगा कि नहीं हमें यह चिंता है. इन गांवो को तथा बीस हजार की जनसख्या को बचाने के लिए सीएम का मुनस्यारी आना, हालात को समझना तथा एक सौ करोड़ रुपये का पहला आपदा प्रबंधन पैकेज दिया जाना जरुरी है.
मर्तोलिया ने कहा कि सीएम को मुनस्यारी, मदकोट, सेरा, बरम, धारचूला पांच स्थानो में आकर हर क्षेत्र में एक उजड़ रहे गांव को अपनी आंखो से देखना चाहिए, ताकि वे अपनी समझ भी बना सके.
मर्तोलिया ने कहा कि 15 अगस्त की शाम तक सीएम का परिवर्तित कार्यक्रम नहीं आया तो 16 अगस्त को जब सीएम आसमान में उड़ कर हवाई सर्वे कर रहे होंगे,तब हम मुनस्यारी के एसडीएम कार्यालय पर सांकेतिक उपवास कर विरोध दर्ज करेंगे.
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