देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए निदेशालय के 312 पदों पर मंजूरी दे दी है। राज्य के ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि 312 पदों की स्वीकृति मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद निदेशालय काफी हद तक अपने वजूद में आ जाएगा। इधर, नए पद पर बेरोजगार युवाओं को भर्ती का मौका मिलेगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय जरूरी औपचारिकता पूरी करने में जुट गया है।
उत्तराखण्ड में यातायात निदेशालय के गठन के पश्चात निदेशालय ने यातायात में सुधार एवं सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने को लगातार सार्थक प्रयास किये जा रहे है। लेकिन मैनपावर की कमी हर बार आड़े आ रही है। इसके लिए निदेशालय ने शासन को जरूरत के हिसाब से पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव भेजा गया था। सरकार ने निदेशालय के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए पहली बार यातायात पुलिस हेतु पृथक से 312 पदों की स्वीकृति दे दी हैै। इससे पहले राज्य में ट्रैफिक पुलिस के लिए अलग से पदों की स्वीकृति नहीं हुई थी। ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि राज्य में वाहनों की लगातार हो रही वृद्वि एवं सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु मैनपावर जरूरी थी। इसी परिपेक्ष्य में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वीकृति दे दी है। अब जल्द विज्ञप्ति जारी कर भर्ती की कार्यवाही शुरू की जाएगी। इसके लिए पीएचक्यू और शासन के बीच जरूरी औपचारिकता पूरी की जा रही है।
इन पदों पर होगी भर्ती
राज्य में यातायात पुलिस के लिए पृथक से स्वीकृत 312 पदों में 02 वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ, 06 सहायक तकनीकी विशेषज्ञ, 98 उप निरीक्षक (एसआई) यातायात, 206 आरक्षी(सिपाही) यातायात के पद पर नई भर्ती होगी।
राज्य में अभी ये ट्रैफिक व्यवस्था
राज्य में यातायात पुलिस में निरीक्षक पद के लिए 21 पद स्वीकृत है। वर्तमान समय में 06 निरीक्षक तैनात और 15 पद रिक्त है।,उप निरीक्षक के 16 पद स्वीकृत है, जिसमें से 14 पद पर तैनाती और 02 पद रिक्त है। मुख्य आरक्षी के लिए 63 पद स्वीकृत है जिसमें से 60 कार्यरत हैैं। सिपाही के कुल 472 पद स्वीकृत है,जिसमें से 436 पुरुष आरक्षी, 44 महिला आरक्षी मौजूद है।
निदेशालय में स्थिति
निदेशक यातायात उत्तराखण्ड का पद स्वीकृत होने से पूर्व राज्य में निरीक्षक यातायात 02,उप निरीक्षक यातायात 04, एचसीपी यातायात 20 तथा आरक्षी यातायात 179 कार्यरत थे जो राज्य में वाहनों की संख्या के दृष्टिगत अत्यधिक कम थे।
सीपीयू में अब व्यवहारिक प्रशिक्षण के बाद तैनाती
यातायात निदेशालय उत्तराखण्ड ने सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) में समयावधि पूर्ण कर चुके कर्मियों को मूल तैनाती वापस किये जाने की प्रक्रिया जारी है। अब इनके स्थान पर अन्य कर्मियों को साक्षात्कार के माध्यम से चयनित किया जायेगा । चयन के पश्चात चयनित सीपीयू कर्मीयों को यातायात निदेशालय उत्तराखण्ड स्तर से एक माह का प्रशिक्षण कराया जायेगा। इसके साथ-साथ सीपीयू कर्मीयों के दुर्व्यवहार की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए यातायात निदेशालय स्तर से सीपीयू कर्मियों को व्यवहारिक प्रशिक्षण कराया जायेगा। ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि सीपीयू में बदलाव के साथ नये सीपीयू कर्मियों को उत्तराखण्ड की यातायात व्यवस्था के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा व्यवस्था को कैसे सुद्वढ़ बनाया जा सकता है इसके बारें मे बेहतर प्रशिक्षण कराया जायेगा । सीपीयू कर्मियों को यातायात प्रबन्धन, तकनिकी एवं मोटरवाहन अधिनियम की जानकारी एवं स्ट्रीट क्राईम से सम्बन्धित जानकारी दी जायेगी।साथ ही आमजन से कैसा व्यवहार करना चाहिये इसके सम्बन्ध में भी अवगत कराया जायेगा।
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