ॠषिकेश, AIIMS भारत का पहला ऐसा मेडिकल संस्थान बन गया है जिसके कैंपस में अपना हेलीपैड होगा और जिसके पास अपनी एयर एंबुलेंस भी होगी | एम्स ऋषिकेश में आज नवनिर्मित हेलीपैड का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल और नगरपालिका ऋषिकेश की अध्यक्ष अनीता ममगांई भी साथ रही। मरीजों की सुविधा के लिये दुर्घटना स्थल से एअर ऐम्बुलेंस से शिघ्र एम्स पहुचाया जा सकेगा इस अवसर पर नगर पालिका ऋषिकेश की अध्यक्ष अनीता ममगांई भी साथ रही एम्स ऋषिकेश में हेलीपैड बनने से पहाड़ों से आने वाले मरीजों को अब पहले जौलीग्रांट आने की जहमत से भी मुक्ति मिल गई है यह हेलीपैड निश्चित रूप से ही इमरजेंसी मरीजों की जान बचाने के लिए मील का पत्थर है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज इसका उद्घाटन करके उत्तराखंड को एक सौगात बक्शी है एम्स के निदेशक ने कहा कि एम्स निरंतर नए मानदंडों की स्थापना कर रहा है अब यहां पर कोरोनरी हार्ट यूनिट भी बहुत अच्छी तरह से फंक्शन कर रही है जबकि हम यहां पर कई बड़ी सर्जरी ओं को कुशलतापूर्वक पूरा कर रहे हैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस हेलीपैड के बनने से मरीजों को न केवल सुविधा होगी बल्कि उनका समय भी बचेगा उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर आगे भी प्रयास करती रहेगी। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश परिसर में हेलीपैड बनने से गंभीर रोगियों एवं दुर्घटना होने पर घायलों को हेली सेवा से अस्पताल लाने में सुविधा होगी। एम्स ऋषिकेष में इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। हेली से उतरने के बाद मरीज को मात्र 09 मिनट में एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक पहुंचने की व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग है। अतिवृष्टि होने पर राज्य में आपदायें अधिक होती हैं। पहाड़ी टेरिन होने से दुर्घटनाएं भी अधिक होती है। दुर्घटना होने पर लोगों को हेली सेवा से उपचार के लिए जल्द एम्स लाने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले 03 सालों में प्रदेश में 100 से अधिक लोगों की जान हेली सेवा से सीधे अस्पतालों में लाकर बचाई गई। इसके लिए सरकारी हेलीकाॅप्टर एवं किराये पर हेलीकाॅप्टर की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहां परिसर के अन्दर हेलीपैड की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने एम्स के डाॅक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में सीनियर डाॅक्टर कोरोना के मरीजों का विशेष ध्यान रखें। जिस तरह कोरोना अपना स्वरूप बदल रहा है, यह चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं डाॅक्टरों के आपसी तालमेल से समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सकता है। कोरोना काल में आशा, आंगनबाड़ी, नर्स एवं डाॅक्टर और स्वच्छता कर्मचारी जो ग्राउण्ड लेबल पर कार्य कर रहे हैं, वे जनता के लिए देवदूत के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को परीक्षण के साथ ही मनोवैज्ञानिक तरीके से भी मजबूत रखना जरूरी है।एम्स ऋषिकेश की पहुंच दुर्गम स्थानों के मराजों तक होनी चाहिए। सेवा सार्थक तभी होती है, जब सेवा गरीबों तक पहुंचे।
इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के डाॅक्टरों ने हेलीसेवा से मरीज को लाने एवं एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक ले जाने की प्रक्रिया का माॅक ड्रिल भी किया।
एम्स हेलीपैड के उद्घाटन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनिता ममगाई, एम्स के निदेशक प्रो. रविकान्त, मुख्यमंत्री के उड्डयन सलाहकार श्री दीप श्रीवास्तव, तकनीकि सलाहकार डाॅ. नरेन्द्र सिंह, एम्स के डाॅ. मनोज गुप्ता, डाॅ. यू.बी. मिश्रा आदि उपस्थित थे।
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