Monday, November 25, 2024
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गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध पुस्तक का लोकार्पण

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र कि ओर से आज अपराह्न  4:00 बजे लेखक और शिक्षविद  देवेश  जोशी की पुस्तक   गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध का लोकार्पण केंद्र के सभागार में किया गया।
लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीमती राधा रतूड़ी मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन थीं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि छ: वर्षों के अथक परिश्रम और गहन शोध के आधार पर लिखी गयी ये पुस्तक निश्चित ही इस क्षेत्र की समृद्ध सैन्य परम्परा का ऐतिहासिक परिदृश्य प्रस्तुत करती है।
विशिष्ट अतिथि प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने कहा कि प्रथम विश्वयुद्ध से पूर्व भारत में ही नहीं बल्कि ब्रिटिश सेना के भीतर भी गढ़वालियों की कोई विशिष्ट पहचान नहीं थी। इस युद्ध ने गढ़वालियों को पहली बार एक विश्वव्यापी पहचान दिलायी। विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के लिए यहाँ पृथक राज्य आंदोलन के बाद उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुआ। विशिष्ट पहचान के अंकुर वस्तुत: पहली बार ब्रिटिश भारतीय सेना की एक गढ़वाल रेजीमेंट बनाने की चाहत के रूप में दिखायी दिये थे। उल्लेखनीय हैं की इस पुस्तक की भूमिका श्री रतूड़ी ने ही लिखी है।
समारोह के अध्यक्षता करते हुए गढ़गौरव नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि गढ़वाली लोकगीतों में उपलब्ध विश्वयुद्ध के संकेतों के विश्लेषण से पुस्तक की प्रामाणिकता और भी निकली है, क्योंकि लोक सदैव असंदिग्ध होता है। इसी तरह गढ़वाली सैनिकों के लाम से लिखे गये 9 दुर्लभ सेंसर किये गये पत्र भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ के रूप में हैं।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि इस पुस्तक में 1914 से लेकर 1921 तक गढ़वाली सैनिकों के द्वारा प्रथम विश्वयुद्ध में शौर्यपूर्ण प्रतिभागिता का प्रामाणिक वर्णन है, प्रमुख योद्धाओं पर अलग से अध्याय हैं और प्रथम विश्वयुद्ध के समय गढ़वाल के परिदृश्य का भी रोचक वर्णन है।  टिहरी रियासत का योगदान और कुमाऊँ का प्रतिभाग अध्याय में दी गयी जानकारी पहली बार पब्लिक डोमेन में आ रही है। प्रथम विश्वयुद्ध के शहीद गढ़वाली सैनिकों की प्रामाणिक सूची भी महत्वपूर्ण है जिसकी सहायता से किसी भी गाँव-इलाके के शहीदों की ऐतिहासिक जानकारी मिल सकती है।
पुस्तक के लेखक देवेश जोशी ने कहा कि इस पुस्तक में राजा का नहीं बल्कि प्रजा का इतिहास है। शिक्षा और विकास के मामले में अत्यंत विपन्न तत्कालीन गढ़वाल के अभावग्रस्त परिवारों के सीधे-सरल सैनिकों के योगदान को तलाशना और समझना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था।  दो वर्ष पूर्व प्रथम विश्वयुद्ध के नायक कैप्टन धूम सिंह चौहान पर एक लोकप्रिय पुस्तक लिख चुके लेखक देवेश जोशी ने यह भी बताया कि इस विषय पर हिंदी में प्रकाशित यह एक तरह से पहली पुस्तक है।
लोक कवि नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा इस अवसर पर प्रथम विश्वयुद्ध का आइकन गढ़वाली गीत ‘सात समोदर पार छ जाण ब्वे…’ भी सुनाया गया।
कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगशाल ‘गणी’ द्वारा किया गया। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी व निकोलस द्वारा द्वारा उपस्थित अतिथियों और सभागार में मौजूद श्रोताओं का स्वागत व धन्यवाद किया गया। यह पुस्तक, विनसर पब्लिकेशन, देहरादून से प्रकाशित हुई है. पुस्तक अमेजाॅन पर भी उपलब्ध है।

इस अवसर पर ललित मोहन रयाल, अपर सचिव,उत्तराखंड शासन, डॉ. नंदकिशोर हटवाल, एस. एस. रौतेला, कल्याण सिंह रावत, शूरवीर सिंह रावत,घनानंद घनशाला, चन्दन सिंह नेगी, देवेंद्र कांडपाल, डॉली डबराल, शिव जोशी, कांता डंगवाल,चन्द्रशेखर सेमवाल, सुरेंद्र सजवाण, कीर्ति नवानी, सुंदर सिंह बिष्ट, पुष्पलता ममगाईं, विवेक तिवारी शैलेन्द्र नौटियाल, वी.के.डोभाल सहित, लेखक, साहित्यकार, इतिहास प्रेमी, व अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.

 

भारती पाण्डे के खण्ड काव्य ‘मयतनया’ का लोकार्पण

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से रविवार को साहित्यकार भारती पाण्डे के खण्ड काव्य ‘मयतनया’ का लोकार्पण किया गया। इसके बाद एक चर्चा भी की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी पाण्डेय ने की। जबकि विधायक सविता कपूर और साहित्यकार डॉ. कमला पंत व लेखिका और कवियत्री बीना बेंजवाल अतिथि वक्ता के तौर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई। इस दौरान डीएवी छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि रावण पत्नी पर केन्द्रित खण्ड काव्य ‘मयतनया’ हिंदी साहित्य में एक तरह से प्रथम काव्य कृति है। मयतनया पुस्तक स्मृतियों के संसारिक अन्तर्द्वन्दों की उथल पुथल में जीवन गाथा के अनेकों पौराणिक प्रसंगों को ही प्रस्तुत नहीं करती है अपितु स्त्री जीवन की सार्थकता के प्राख्यान के साथ ही कलिकाल की महान नारियों का स्मरण भी कराती है। मयतनया के बहाने पुरातन काल की महिलाओं की भावनाओं को पटल पर रखने का साहस भारती पाण्डे कर पायी है जिन्होंने विषमताओं के बावजूद स्वयं को सिद्ध किया और समाज में अपना एक विशेष स्थान बनाया है।
भारती पाण्डे ने कहा कि ‘मयतनया’खण्ड काव्य के माध्यम से उन्होंने युगधर्म के कई अनुत्तरित प्रश्नों के साथ वैदिक परम्परा से लेकर उन सभी नारी चरित्रों के अंतर्मन के मनोविज्ञान को उकेरने की कोशिस की है जो अपने समय की मानवी चेतना की सूत्रधार रहीं। उन्होनें कहा कि मयतनया के बहाने वे महिलाओं के मन मानस की अनेकानेक भावनाओं को कहां तक प्रस्तुत कर पायी हैं इसका उत्तर सुधी पाठक इसका अध्ययन करके ही बता सकेंगे।
डॉ. कमला पंत ने अपने वक्तव्य में कहा कि मयतनया वस्तुतः हम सभी के अंतर जगत का प्रतिबिंब है।वह अन्तर्जगत जो शरीर की सीमाओं से परे अनंत विस्तार पाता है। संवाद शैली और मुक्तक छंद में रचित मंचन के सर्वथा योग्य यह खंडकाव्य साहित्य जगत में एक नई विधा के द्वार खोलता है और संपूर्ण विश्व को सत्यम शिवम सुंदरम बनाने का सार्थक मंत्र हम सबको देता है।
अध्यक्षता कर रही डॉ. सुधा रानी पाण्डेय मयतनया के परिचय से प्रारंभ होकर वैदिक युग के नारी पात्रों सहित रामायण की सीता,अहिल्या के आदि के साथ-साथ परवर्ती युगों की स्त्री पात्रों की शास्त्र संबंध परिभाषाओं और अपने जीवन में नाना संघर्षों के झंझावातों को झेलती उनके अंतर मन की कथा को सशक्त शब्दों में उकेरने में लेखिका की प्रतिभा सर्वथा पृथक रूप से अपना परिचय देने में सफल रही है। सृष्टि की नियामिका प्रकृति के नाना गंभीर प्रश्नों को इस लंबे संवाद नाट्य प्रस्तुति द्वारा अद्भुत काव्य रचा गया है।इसके लिए भारती पाण्डे बधाई की पात्र हैं।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित अतिथियों और सभी लोगों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन लेखिका व कवियत्री बीना बेंजवाल ने किया।

इस अवसर पर नंदकिशोर हटवाल, डॉ. देवेंद्र सिंह, गणनाथ मनोड़ी, शूरवीर सिंह रावत, गिरीश पांडे, महेश पाण्डे, डॉली डबराल, सुंदर सिंह बिष्ट, किरन जोशी,बीना जोशी,मीनाक्षी लोहानी ,गोबिंद पाण्डेय,रामविनय सिंह,रजनीश त्रिवेदी,शोभा पाण्डेय, ज्ञानेन्द्र कुमार, डा ललिता लोहानी , पुष्पा लोहानी ,सन्तोष जोशी, एस एस कोठियाल, बैजनाथ, सुमित पाण्डे,मदन सिंह विष्ट सहित शहर के अनेक, लेखक , साहित्यकार, पत्रकार, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति दून पुस्तकालय के पाठक आदि उपस्थित रहे।

 

महिला सुरक्षा के दृष्टिगत गाड़ियों में लगवाए गए सीसीटीवी कैमरे

CCTV cameras installed for security | सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे  खराब: प्रशासन नहीं करा रहा है सही, लोगों को सता रहा चोरी का डर - Chomu News  | Dainik Bhaskar
उधमसिंह नगर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर मणिकांत मिश्रा द्वारा आज रूद्रपुर शहर क्षेत्रार्न्तगत डीडी चौक में आम जनमानस की सुरक्षा विशेषतया महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा की दृष्टिगत, वाहनों पर डैश कैमरे लगाने सम्बन्धी अभियान व यातायात चौपाल का शुभारम्भ किया गया।
इस अभियान को चलाये जाने का मुख्य उद्देश्य वाहन में बैठे व्यक्तियों (महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा) व उनके सामान की सुरक्षा के साथ ही सडक दुर्घटनाओ का कारण ज्ञात कर उन पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने का है। वर्तमान में इस अभियान के तहत 30 बसों व 18 टैक्सियों पर डैश कैम कैमरे लगाये गये है। भविष्य में यह अभियान जनपद में समस्त थाना क्षेत्रार्न्तगत चलाया जायेगा। उक्त कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अपराध यातायात ऊधमसिंहनगर, सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी यातायात रूद्रपुर, क्षेत्राधिकारी पन्तनगर, क्षेत्राधिकारी सितारगंज व निरीक्षक यातायात/सीपीयू एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

 

संकल्प शिक्षण एवं कल्याण समिति ने मनाया बाल दिवस, 100 से अधिक बच्चों ने लिया भाग

देहरादून, संकल्प शिक्षण एवं कल्याण समिति द्वारा बाल दिवस समारोह पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन – संकल्प शिक्षण एवं कल्याण समिति ने ग्राम सुन्दरवाला में आस पास के सभी सरकारी प्राइमरी व जुनियर हाई स्कूलों के बच्चों के लिए बाल दिवस
समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ. राजेंद्र सिंह नेगी तथा संकल्प संस्था के संस्थापक अध्यक्ष ठाकुर रवि सिंह नेगी ऐडवोकेट ने पंडित जवाहर लाल नेहरू की फोटो पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर की। समारोह की अध्यक्षता सरोज चौहान ने की। समारोह में कई स्कूलों के 100 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर चित्रकला, सामान्य ज्ञान, सुलेख व ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। चित्रकला प्रतियोगिता में वर्षा, आर्यन व नरस, ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग में हर्ष, सलोनी व हिमांशु, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में ईशिका, प्रियंका व लवी तथा सुलेख में अंश, मानसी व लक्ष्मी क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। सभी विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए तथा सभी उपस्थित बच्चों को भी प्रतिभागी पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर समाज सेवी आशुतोष शर्मा तथा जुनियर हाई स्कूल सुन्दरवाला की प्रधानापिका कौशल्या राणा को उनके उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन कुमारी मिनीषा तोमर तथा अनिता नेगी ने किया।
संकल्प के फाउंडर अध्यक्ष समाजसेवी एवं शिक्षाविद् सिंह नेगी एडवोकेट ने कहा कि संकल्प द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों के द्वारा समाज के पिछड़े वर्ग के बच्चों को अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करने के अवसर प्रदान करना है तथा उन बच्चों को समाज की मुख्य धारा में मिलाना है। उन्होंने यह भी कहा कि इन बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन उन्हें अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है।
संकल्प की महासचिव अनिता नेगी ने बताया कि इस अवसर पर यातायात पुलिस की और से एस आई ललित कुमार ने बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में जागरूक किया श्रीमती नेगी ने यह भी बताया कि शीघ्र ही संस्था इन बच्चों के लिए निःशुल्क ट्यूशन क्लासेज आरम्भ करने की भी योजना है।
इस अवसर पर मनोज कपूर, श्रीमति रीता कपूर, देवेन्द्र पुंडीर, महेश रौठान, अनूप चौहान, बुध सिंह रावत, प्रदीप नेगी, आशुतोष चौहान, अशोकवर्धन सिंह, आशीष रावत, सत्येंद्र रावत, कुमारी मीना, कुमारी लक्ष्मी, श्रीमती मंजू धीमान, कुमारी मंदाकिनी, कुमारी साक्षी, कुमारी मिनीषा, सुभाष पंवार, श्रीमति निशा, श्रीमति सविता, कुमारी आराध्या, कुमारी काव्या, सुधीर कुमार मित्तल, पूरण सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।

 

32वां भद्रीघाटी क्रीड़ा सांस्कृतिक एवं विकास समारोह का हुआ आगाज

नैनबाग (शिवांश कुंवर) , टिहरी जनपद के नैनबाग क्षेत्र में 32वां भद्रीघाटी क्रीड़ा सांस्कृतिक एवं विकास समिति लालूर इडवालस्यूं के तत्वाधान में म्याणी जाखधार में तीन दिवसीय खेल एवं सांस्कृतिक समारोह रंगारंग कार्यक्रम के साथ शुरु हुआ जिसका उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह ने किया।
खेल मैदान जाखधार में आयोजित खेल एवं सांस्कृतिक विकास में सरस्वती शिशु मंदिर,राइका म्याणी, प्राथमिक विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा मार्च पास कर बतौर मुख्य अतिथि विधायक प्रितम सिंह पंवार को सलामी दी, वही छात्र – छात्राओं द्वारा स्वागत गीत व रंगारंग सास्कृतिक की प्रस्तुति दी व जौनपुरी संस्कृति की झलक देखने को मिली, समिति के अध्यक्ष सोमवारी लाल नौटियाल व अन्य पदाधिकारी ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर स्मृति चिन्हन प्रदान किया।
इस मौके पर जेस्ट प्रमुख सरदार सिंह कंडारी,अध्यक्ष सोमवारी लाल नौटियाल, सयोंजक अनिल कैंतुरा, राजेश सजवाण, उपाध्यक्ष बलबीर मल्याल,गजेंद्र रमोला,जबर कैंतुरा,टिकम धीमान,सचिव जगमोहन कंडारी मुकेश रमोला,दिनेश पंवार,मनमोहन थलवाल,मुन्ना पंवार,सह सचिव राजवीर पंवार,सुमेर पंवार,मनोज मल्याल,रमेश कंडारी,कोषाध्यक्ष चैन सिंह चौहान,सुनील मल्याल, राजू कैंतुरा,शमशेर सिंह,सह- कोषाध्यक्ष सरविन्द चौहान,विजेंद्र चौहान, दिग्पाल सिंह, राजेश राणा, संचालक चमन सिंह कैंतुरा,जयेंन्द्र रमोला,सुधीर नौटियाल सोशल मिडिया प्रभारी मनवीर पंवार,संदीप नौटियाल,अर्जुन कैंतुरा,सुनील नेगी,राकेश जोनपुरी आदि मौजूद रहे।

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