Wednesday, April 17, 2024
HomeNationalWHO भारत में करेगा पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केंद्र की स्थापना, PM...

WHO भारत में करेगा पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केंद्र की स्थापना, PM मोदी ने जताया आभार

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह भारत में पारम्परिक दवाइयों के एक वैश्विक केंद्र की स्थापना करेगा। इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने विश्वास जताया कि जिस प्रकार भारत ”विश्व के औषधालय” के रूप में उभरा है उसी प्रकार यह केंद्र वैश्विक स्वास्थ्य का केंद्र बनेगा। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेसस ने प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में एक वीडियो संदेश के जरिए यह घोषणा की।

ये है रणनीति का उद्देश्य
मोदी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में पांचवें आयुर्वेद दिवस पर आयुर्वेद संस्थानों जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) को राष्ट्र को समर्पित कर रहे थे। गेब्रेसस ने अपने संदेश में कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पारम्परिक और पूरक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुांधान, प्रशिक्षण और जागरूकता बढ़ाने के लिए हम भारत में पारम्परिक दवाइयों का डब्ल्यूएचओ का केंद्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।

उन्होंने कहा, यह नया केंद्र डब्ल्यूएचओ की पारम्परिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को क्रियान्वित करने के डब्ल्यूएचओ के प्रयासों में मदद करेगा। इस रणनीति का उद्देश्य स्वस्थ और सुरक्षित विश्व के लिए देशों को नीतयां बनाने और उसमें पारम्परिक चिकित्सा की भूमिका को मजबूती देना है।

पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केन्द्र के रूप में भारत का चयन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आयुर्वेद भारत की विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से भारत आज संभली हुई स्थिति में है तो इसमें पारम्परिक चिकित्सा पद्धति का बहुत बड़ा योगदान है जो आज अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान की बात है कि डब्ल्यूएचओ ने पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केन्द्र की स्थापना के लिए भारत को चुना है। उन्होंने कहा, ”अब भारत से दुनिया के लिए इस दिशा में काम होगा। भारत को ये बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं डब्ल्यूएचओ और उसके महानिदेशक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान को संसद के कानून के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) का दर्जा प्रदान किया गया है जबकि जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मानद विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है।

आयुर्वेद दिवस
आयुष मंत्रालय 2016 से ही धन्वंतरि जयंती के मौके पर हर साल आयुर्वेद दिवस मनाता आ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिनों पहले ही गेब्रेसस से फोन पर बात की थी और इस दौरान वैश्विक आबादी के कल्याण और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली पारम्परिक चिकित्सा प्रणालियों के महत्व के बारे में चर्चा की।

गेब्रेसस ने इस बातचीत में कहा था कि पारमपरिक चिकित् सा की क्षमता को अभी पर्याप्त सराहना प्राप्त नहीं हुई है। उन् होंने यह भी कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्रोत्साहन देने तथा सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करने के बारे में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments