उत्तराखंड : मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

देहरादून, उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत ने बुधवार शाम चार बजे शपथ ग्रहण कर ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई | उन्होंने क्रीम कलर का कुर्ता-पजामा, हाफ वेस्ट कोट और पहाड़ी टोपी पहनी हुई है |

राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के घर पहुंचने पर उनकी पत्नी रश्मि त्यागी रावत ने उन्हें गुलाब का फूल भी भेंट किया , कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य के होने वाले नए मुखिया तीरथ सिंह के घर पहुंचे। जहां उनकी पत्नी डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की आरती उतारी। इस दौरान तीरथ सिंह के घर पर कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मौजूद रही। उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत को तिलक भी लगाया।

तीरथ सिंह रावत के राज्य के दसवें मुख्यमंत्री बनने की घोषणा के बाद देहरादून से लेकर पौड़ी तक जश्न का माहौल दिखा।

 

 

एक नजर सीएम तीरथ सिंहरावत के राजनैतिक सफर पर :

राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 2000 में उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे। वर्ष 1997 में वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य के सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद 2007 में उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए थे। यह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं।
पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। तीरथ सिंह रावत ने गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर श्रीनगर से छात्र राजनीति शुरू की। वर्ष 1992 में वह सबसे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से गढ़वाल विवि बिड़ला परिसर श्रीनगर के छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद वे अभाविप के प्रदेश संगठन मंत्री, भाजयुमो में प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तीरथ ने गढ़वाल संसदीय सीट से संसदीय राजनीति में पहला कदम रखा था। पौड़ी-गढ़वाल सीट पर भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी को हराया था। तीरथ को 506980 और मनीष खंडूरी को 204311 वोट मिले थे। वर्ष 2012 में विधानसभा चौबट्टाखाल से विधायक चुने जाने के बाद वर्ष 2013 में उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। वर्ष 2017 में सिटिंग विधायक होते हुए टिकट कटने के बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी।
वर्तमान में तीरथ हिमाचल प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। रामजन्मभूमि आंदोलन में दो माह तक जेल में रहे तीरथ ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। नवनिर्वाचित गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और प्रत्याशी के रुप में शत-प्रतिशत परिणाम दिए। तीरथ को 2013 में भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में गईं। लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी ने तीरथ को गढ़वाल सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के प्रभारी का दायित्व भी सौंपा। उन्होंने अपनी जीत के साथ हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें जिताकर पार्टी में खुद के कद को और मजबूत किया।