Saturday, April 20, 2024
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ग्रीन बोनस के लिए उत्तराखंड को यूएन में देनी चाहिए दस्तक : डॉ. राजीव कुमार

देहरादून, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा.राजीव कुमार ने पर्यावरणीय सेवाओं को सहेजने के एवज में उत्तराखंड की ग्रीन बोनस की मांग पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को कार्बन क्रेडिट इकट्ठा करने पर ध्यान देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ पर्यावरण बचाने और कार्बन क्रेडिट के लिए मदद करता है। इसकी प्रक्रिया को समझते हुए उत्तराखंड को संयुक्त राष्ट्र संघ में दस्तक देनी चाहिए। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले तो बेहतर रहेगा। राष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर थोड़ी स्पर्धा हो सकती है, यह ठीक भी है। बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्बन क्रेडिट के एवज में मदद मिले तो इसका दुनियाभर में अच्छा संदेश जाएगा।

उत्तराखंड दौरे पर आए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. कुमार आज शुक्लापुर स्थित हेस्को मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू थे। उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तर्ज पर सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीडीपी) की जरूरत पर भी सहमति जताई। उन्होंने कहा कि नीति आयोग प्रयास करेगा कि इस पर काम हो। हमारा देश पर्यावरण के प्रति उदासीन होकर आगे नहीं बढ़ सकता। अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को साथ लेकर चलना होगा। इस बारे में नए सिरे से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य व विकसित देशों ने पर्यावरण को तहस-नहस कर दिया, लेकिन हमारी परंपरा ‘वसुधैव कुटंबकम’ की है। हमने हमेशा यही कहा है कि मनुष्य व प्रकृति साथ चलें। उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्यों के लिए पर्यावरणीय रैंकिंग भी शुरू करेगा।

डा.कुमार ने निजी निवेश को प्रोत्साहित करने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि हम निजी निवेश को प्रोत्साहन देकर उससे आमदनी व रोजगार के अवसर बढ़ाएं। इससे जो राजस्व मिलेगा, उसका उपयोग समाज के अंतिम व्यक्ति के हित में होना चाहिए। इससे कल्याणकारी राज्य की अवधारणा सशक्त होगी। साथ ही सभी के लिए समान अवसर हों। उन्होंने स्टेट सोशलिज्म को नौकरशाही का प्रतीक भी बताया। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के बिना देश नहीं चल सकता। साथ ही स्टेट इंटरवेंशन के तरीके में बदलाव पर भी जोर दिया, उन्होंने कृषि को लाभकारी बनाने पर बल देते हुए कहा कि जिस तरह से हेस्को ने बीज से बाजार तक जैसी तकनीकी इजाद की है, उसे किसान करने लगें और राज्य से सहायता मिले तो किसानों की आमदनी दोगुना हो जाएगी। विकेंद्रित तौर पर यह हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रतिव्यक्ति औसत आय बढ़ाने के प्रयास तेज करने होंगे। विकास और पर्यावरण के सामंजस्य के प्रति सोचना होगा। गांव का विज्ञान व संसाधन ही इसका रास्ता हैं, जो बताते हैं कि विकास और पर्यावरण साथ चल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रोजगार के मद्देनजर राज्य में नए प्रोजेक्ट आने चाहिए। आपदा से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एनडीएमए का मेंडेट है। साथ ही कहा पावर प्रोजेक्टों के संबंध में जल्दबाजी से कोई फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। इस मौके पर हेस्को के संस्थापक पद्भूषण डा.अनिल प्रकाश जोशी भी मौजूद थे |

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