Friday, March 29, 2024
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उत्तराखंड : मांगों पर कार्रवाई न होने पर रोड़वेज कर्मचारी 20 अक्टूबर से करेंगे आंदोलन

देहरादून, उत्तराखंड़ रोड़वेज कर्मचारी संयुक्त परिषद वेतन, पदोन्नति समेत विभिन्न मांगों पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन करेगी, परिषद ने शनिवार को प्रबंध निदेशक को नोटिस भेजा है। इसमें पहले चरण में 20 अक्तूबर को एक दिवसीय धरना और अगले चरण में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

उल्लेखनीय हो कि रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के नोटिस के अनुसार बीती तीन मार्च व 17 मार्च को प्रबंधन के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसमें परिषद के प्रतिनिधिमंडल को मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक रुख देखने को नहीं मिला। इसे देखते हुए परिषद को मजबूरन आंदोलन का कदम उठाने को बाध्य होना पड़ रहा है।

अगर 20 अक्तूबर तक प्रबंधन ने कोई फैसला नहीं लिया तो इसी तारीख को सभी प्राथमिक शाखाओं में धरना दिया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में निगम मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन व कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा। नोटिस भेजने वालों में प्रांतीय महामंत्री दिनेश पंत, प्रदेश अध्यक्ष विक्रम डंगवाल, उप महामंत्री विपिन बिजल्वाण, कोषाध्यक्ष अनुराग नौटियाल, प्रेम सिंह रावत, क्षेत्रीय अध्यक्ष मेजपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह अधिकारी व कई अन्य थे।

ये हैं प्रमुख मांगें

-17 मार्च 2020 की बैठक में बनी सहमति को लागू किया जाए।
-सेवानिवृत्त एवं मृतक कर्मियों के आश्रितों को देयकों का शीघ्र भुगतान।
-नियमित, संविदा एवं विशेष श्रेणी कर्मियों को दीपावली से पहले न्यूनतम दो महीने के वेतन का भुगतान हो।
-संविदा व विशेष श्रेणी कर्मियों क्क्त पहले की तरह प्रोत्साहन योजना व समान कार्य समान वेतन का लाभ मिले।
-अपर मुख्य सचिव के आदेशानुसार निगम के समस्त संवर्ग (मुख्यालय/मंडल स्तर) में प्रोन्नति प्रक्रिया शुरू की जाए।
-15 प्रतिशत कोटे के तहत चालक संवर्ग से परिचालक पद पर पदोन्नति व चालक से प्रशिक्षक चालक, परिचालक संवर्ग पर पदोन्नति की बाध्यता में शिथिलता की जाए।
-कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों में पहले रोडवेज की 100 प्रतिशत बसों का संचालन हो। इसके बाद ही अनुबंध की बसों को चलाने पर विचार किया जाए।
-गांधी रोड स्थित दिल्ली बस अड्डे/आरएम कार्यालय परिवहन निगम व एमडीडीए का संयुक्त उद्यम स्थापित कर आय प्राप्ति की जाए। निगम की अन्य भूमियों का भी सदुपयोग हो।
-गलत वेतन पाने वाले कर्मियों से रिकवरी से पहले दोषी अधिकारियों व कमेटियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-तकनीकी संवर्ग के कर्मियों के वेतन उच्चीकरण/एसीपी के प्रस्ताव पर शासन स्तर से मार्गदर्शन न मिलने तक किसी भी कर्मी का वेतन न्यून न किया जाए।

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