Wednesday, April 24, 2024
HomeTrending Nowपर्वतीय जिलों में नए थाने खोलने की कवायद शुरू

पर्वतीय जिलों में नए थाने खोलने की कवायद शुरू

देहरादून। प्रदेश के पर्वतीय जिलों में नए थाने खोलने की कवायद शुरू हो गई है। हालांकि, पूरे राजस्व क्षेत्र को सिविल पुलिस को सौंपने के मसले पर अभी अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में चल रही सुनवाई के अधीन रहेगा। उत्तराखंड में कुल 13 जिलों में से नौ जिले पर्वतीय व चार जिले मैदानी है। ब्रिटिश काल में यहां पटवारी पुलिस यानी राजस्व पुलिस की व्यवस्था लागू की गई थी।

इस व्यवस्था के अनुसार यहां पटवारियों को पुलिस के समान पूरे अधिकार हैं। राजस्व क्षेत्रों में होने वाले अपराध की जांच भी राजस्व पुलिस ही करती है। अंग्रेजों के जमाने की यह व्यवस्था अभी तक बदस्तूर जारी है। प्रदेश के तकरीबन 60 फीसद हिस्से में राजस्व पुलिस और शेष 40 प्रतिशत में सिविल पुलिस तैनात है। प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में पर्वतीय क्षेत्रों में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। इसके कई कारण हैं। दरअसल, प्रदेश में एक हजार से अधिक पटवारी सर्किल हैं, लेकिन इनमें 30 प्रतिशत खाली चल रहे हैं। 70 फीसद में ही पटवारी तैनात हैं। नतीजतन ऐसे अपराधों की जांच सही तरीके से नहीं हो पाती। गंभीर अपराधों के मामले सिविल पुलिस को ही सौंपे जाते हैं। इसे देखते हुए राजस्व क्षेत्रों को सिविल पुलिस को देने की मांग उठती रहती है

। इस संबंध में एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्व कर्मियों से पुलिस का काम न लेते हुए यहां सिविल पुलिस तैनात करने के निर्देश दिए थे। इस पर प्रदेश सरकार ने संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली, जहां अब इस पर सुनवाई चल रही है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में गंभीर अपराधों की संख्या और सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए जरूर समय-समय पर कुछ थाने व चौकी खोले जाते रहे हैं। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के सीमावर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में 11 थाने खोलने की घोषणा की।

इस घोषणा के क्रियान्वयन के लिए शासन स्तर पर काम शुरू हो चुका है, जिनका शासनादेश जल्द होने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो जरूरत के हिसाब से अन्य राजस्व क्षेत्रों में थाने खोले जा सकते हैं। हालांकि, पूरे राजस्व क्षेत्र को सिविल पुलिस के अधीन लाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार किया जाएगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments