Saturday, April 20, 2024
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सरहदों की सुरक्षा कर रहे सैनिकों के सम्मान में एक दीया जरूर जलाएं: मोदी

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरहदों पर देश की सुरक्षा में तैनात बहादुर जवानों के साथ देश पूरी तरह खड़ा है। उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया कि पर्व और त्योहारों की खुशियां मनाते समय बहादुर सैनिकों के सम्‍मान में वे अपने-अपने घरों में एक दीया जरूर जलायें।

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ”मन की बात” में मोदी ने सरदार पटेल को याद करते हुए देश में एकता की पुरजोर वकालत की और साथ ही देशवासियों से त्योहारों के मौसम में बाजार से खरीदारी करते समय स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।

मोदी ने कहा, ”एकता में शक्ति है, एकता में मजबूती है, एकता में विकास है, एकता में सशक्तिकरण है। एकजुट होकर हम नयी ऊंचाइयों को हासिल कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा, ”वैसे, ऐसी ताकतें भी मौजूद रही हैं जो निरंतर हमारे मन में संदेह का बीज बोने की कोशिश करते रहते हैं, देश को बांटने का प्रयास करते हैं। देश ने भी हर बार, इन बद-इरादों का मुंहतोड़ जवाब दिया है।”

उन्होंने कहा कि देश को निरंतर अपनी रचनात्मकता से, प्रेम से, हर पल प्रयासपूर्वक अपने छोटे से छोटे कामों में, ”एक भारत-श्रेष्ठ भारत” के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है, एकता के नए रंग भरने हैं और हर नागरिक को भरने हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि 31 अक्‍तूबर को वह केवडि़या में ऐतिहासिक ”स्‍टैच्‍यु ऑफ यूनिटी” के आसपास कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इसी दिन वाल्मिकी जयंती भी मनाई जाएगी। मोदी ने महर्षि वाल्मिकी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्‍होंने लाखों वंचितों और दलितों के दिलों में आशा की ज्‍योत दिखाई। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी याद किया।

विजयादशमी को संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के संकट काल में सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं और मर्यादा में रहकर पर्व व त्योहार मना रहे हैं इसलिए इस लड़ाई में जीत भी सुनिश्चित है।

उन्होंने कहा, ”जब त्योहार की बात करते हैं, तैयारी करते हैं, तो सबसे पहले मन में यही आता है, कि बाजार कब जाना है? क्या-क्या खरीदारी करनी है? कोरोना के इस संकट काल में, हमें संयम से ही काम लेना है, मर्यादा में ही रहना है।”

उन्होंने कहा, ”त्योहारों की ये उमंग और बाजार की चमक, एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। लेकिन इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब देश ”लोकल के लिए वोकल” हो रहा है तो दुनिया भी भारतीय स्थानीय उत्पादों के प्रति आकर्षित हो रही है।

उन्होंने कहा कि देश के कई स्थानीय उत्पादों में वैश्विक होने की बहुत बड़ी शक्ति है और उनमें एक है खादी। कोरोना के समय में खादी के मास्क भी बहुत प्रचलित हो रहे हैं और देशभर में कई जगह स्व सहायता समूह और दूसरी संस्थाएं खादी के मास्क बना रहे हैं।

उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित खादी स्टोर में इस बार गांधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी हुई।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी की महिला सुमन देवी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने स्व सहायता समूह की अपनी साथी महिलाओं के साथ मिलकर खादी मास्क बनाना शुरू किया और धीरे-धीरे उनके साथ अन्य महिलाएँ भी जुड़ती चली गईं।

उन्होंने कहा, ”अब वे सभी मिलकर हजारों खादी मास्क बना रही हैं”

उन्होंने बताया कि खादी कैसे लम्बे समय तक सादगी की पहचान रही है । आज उसकी प्रसिद्धि एक ”फैशन स्टेटमेंट” का रूप ले चुकी है। उन्होंने मेक्सिको की ”ओहाका खादी” का जिक्र किया और बताया कि कैसे आज वह एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन गया है।

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