Wednesday, May 14, 2025
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चमोली में बड़ा हादसा, भूस्खलन से मकान हुआ ध्वस्त, एक महिला की मौत,मलबे में दबे लोग,रेस्क्यू जारी

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शनिवार को जनपद नियंत्रण कक्ष द्वारा SDRF को सूचित कराया गया कि थराली पैनगढ़ में दो से तीन मकानों में मलवा आ गया है जिसमें 3 से 4 लोगों के दबे होने की सम्भावना है।

उक्त सूचना पर सेनानायक SDRF,मणिकांत मिश्रा द्वारा SDRF रेस्क्यू टीम को तत्काल घटनास्थल पर त्वरित रेस्क्यू हेतु रवाना करने के लिए निर्देशित किया गया।

उक्त आदेश के अनुपालन में पोस्ट अगस्तमुनि से हेड कांस्टेबल हरीश बंगारी के हमराह टीम रेस्क्यू हेतु तत्काल मय रेस्क्यू उपकरणों के घटनास्थल पर पहुंची

चमोली के पैनगड़ में दिनांक कल देर रात भूस्खलन होने से तीन मकानों को भारी क्षति पहुंची है।जिसमे एक महिला की घटना स्थल पर मृत्यु हो गई है।दो घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिए गए हैं।दो व्यक्ति मकान के अंदर दबे है।जिनका रेस्क्यू चल रहा है *पैनगढ़ से अभी तक प्राप्त जानकारी अनुसार:-*

*मृतका-* बंचुली देवी उम्र 70 वर्ष

*घर के अंदर फंसे हुए व्यक्तियों का विवरण :-*

1-घनानंद
2-देवानन्द

*व्यक्तिगत कार से CHC थराली भेजे गए व्यक्तियों का विवरण:-*

1-शांति देवी उम्र 35 वर्ष

2-योगेश पुत्र शांति देवी उम्र 15 वर्ष

उक्त दो व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हैं। जिन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया है।

धनतेरस पर Gold नहीं बल्कि इन दो धातुओं की खरीदारी मानी जाती है सबसे शुभ, मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न

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Dhanteras Gold Shopping: दिवाली पर्व से पहले धनतेरस के दिन लोग दिल खोलकर खरीदारी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है।

हिन्दू पंचाग के अनुसार कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि को ये पर्व मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार 22 और 23 अक्टूबर दोनों ही दिन मनाया जा रहा है। लेकिन खरीदारी के लिए 23 अक्टूबर का दिन ज्यादा शुभ माना जा रहा है। इस पर्व पर सोना खरीदने का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। अधिकतर लोग इस दिन सोने के गहनों की खरीदारी करना शुभ मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन सोना (Gold) नहीं बल्कि दो अन्य धातुओ की चीजें खरीदना ज्यादा शुभ माना जाता है। जानिए ये कौन सी धातुएं हैं।

धनतेरस पर चांदी की करें खरीदारी: धनतेरस के दिन चांदी खरीदना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इसके पीछे ये कारण माना जाता है कि चांदी चन्द्रमा का प्रतीक होती है और चंद्रमा हमें शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को ही सबसे बड़ा धन माना जाता है। हालांकि लोग इस दिन सोना खरीदना भी पसंद करते हैं लेकिन ज्योतिष जानकार बताते हैं कि लक्ष्मी चंचला होने से सोना खरीदना उतना शुभ नहीं माना जाता जितनी की चांदी शुभ मानी जाती है। क्योंकि सोना लक्ष्मी का ही रूप ही माना गया है। अतः इस दिन ज्योतिष विशेषज्ञ सोने की बजाय चांदी के बर्तन और गहने खरीदने की सलाह देते हैं।

पीतल की खरीदारी भी मानी जाती है शुभ: धनतेरस के विषय में ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। जब समुद्र मंथन से धन्वंतरि देव प्रकट हुए थे तो उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा हुआ कलश था इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। खासतौर से पीतल को भगवान धन्वंतरी की धातु माना गया है। इसलिए इस दिन पीतल की खरीदारी जरूर करनी चाहिए। मान्यता है धनतेरस पर पीतल खरीदने से घर-परिवार को आरोग्यता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

धनतेरस पर इन चीजों की खरीदारी भी शुभ: चांदी और पीतल के अलावा इस खास दिन पर धनिया और झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है। इसी के साथ दिवाली पूजा में प्रयोग किए जाने वाली भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति भी इसी दिन खरीद ली जाती है। साथ ही दीपक खरीदना भी इस दिन शुभ माना जाता है।

इलेक्ट्रिक गाडिय़ों की खरीदारी पर 10 हजार से लेकर 20 लाख तक की छूट, लागू हुई नई पॉलिसी

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रांची  । झारखंड सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अपनी नई पॉलिसी का एलान कर दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक राज्य में कुल वाहनों में 10 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल हों। सरकार ने इन वाहनों की खरीदारी करने पर 10 हजार से लेकर 20 लाख रुपये तक की छूट देने की घोषणा की है। रोड टैक्स और परमिट पर भी रियायत दी जाएगी। राज्य सरकार के कर्मियों को इलेक्ट्रिक दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदने पर 100 फीसदी इंटरेस्ट सब्सिडी दी जाएगी।
सरकार की ओर से नोटिफाई की गई नई पॉलिसी के अनुसार, इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट का लाभ हासिल कर सकेंगे। इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर 10 हजार रुपये तक का डिस्काउंट मिलेगा। कॉमर्शियल उद्देश्य से इलेक्ट्रिक ऑटो की खरीद पर 30 हजार रुपये की छूट हासिल होगी। सरकार चाहती है कि राज्य में ई-बसों का बड़े पैमाने पर परिचालन हो। लिहाजा, ऐसी बसों की खरीदारी पर लगभग 20 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है।
छूट की इन योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ सबसे पहले खरीदारी करने वाले ग्राहकों को मिलेगा। इवी के पहले 10 हजार खरीदार को 100 प्रतिशत, 10 से 15 हजार खरीदारों को 75 प्रतिशत और इसके बाद खरीदारी करने वालों 25 फीसदी तक की छूट दी जा सकती है। पॉलिसी में यह व्यवस्था की गई है कि खरीदारों को किसी भी स्थिति में कुल कीमत के लिहाज से 10 प्रतिशत की छूट उपभोक्ताओं को मिलेगी। इसमें वाहन पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स से पूर्ण छूट का भी एलान किया गया है।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को झारखंड में प्रोडक्शन यूनिट लगाने पर आकर्षक ऑफर का एलान किया है। ऐसी कंपनियों को दो करोड़ से लेकर 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह लाभ हासिल करने के लिए उन्हें झारखंड की ईवी पॉलिसी के लॉन्च के बाद से पहले दो वर्षों के भीतर राज्य में प्रोडक्शन यूनिट लगानी होगी।
सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एडवांस केमेस्ट्री सेल बैटरी का भी उत्पादन शुरू हो जाए। सरकार की योजना के मुताबिक हर तीन किमी के दायरे में एक चार्जिंग स्टेशन और नेशनल हाईवे पर हर 24 किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग स्टेशन लगाये जायेंगे। शहरी क्षेत्रों में हर 10 लाख की आबादी पर 50 चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी है। यह पॉलिसी पांच सालों के लिए लागू की गई है। सरकारी कार्यालयों में भी कार्यालय इस्तेमाल के लिए इवी के ही इस्तेमाल पर पर जोर दिया जायेगा।

Diwali 2022:एमवे इंडिया ‘हैल्दी वाली दिवाली’ मनाता है अच्छे स्वास्थ्य के महत्व को प्रोत्साहित करता है घर के अंदर, बाहर और हर तरफ

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देहरादून। सर्वांगीण स्वास्थ्य अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने और स्वास्थ्य व स्वच्छता को घर के अंदर, बाहर तथा चारों ओर प्राथमिकता देने के अपने प्रयास के अनुरूप एमवे इंडिया, जो अग्रणी एफएमसीजी सीधी बिक्री करने वाली कंपनियों में से एक है, ने एमवे डायरेक्ट सेलिंग पार्टनर्स और उनके ग्राहकों के लिए पूरे क्षेत्र में स्वस्थ रहने व खाना पकाने, सौंदर्य व घरेलू स्वच्छता पर सत्र आयोजित करके उत्सव की खुशी बढ़ाने के लिए ‘हेल्दी वाली दिवाली’ अभियान प्रस्तुत की है।
हाल ही में उत्कट्-इच्छा वाले समुदायों का उदय एक उल्लेखनीय प्रवृत्ति रही है क्योंकि लोग विशेष क्षणों और अवसरों का जश्न मनाने के लिए एकट्ठे होते हैं। जैसे-जैसे लोग उत्सव के लिए तैयार हो रहे हैं, एमवे उत्सव को यादगार बनाने और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देते हुए स्वास्थ्य, प्रसन्नता और घरेलू स्वच्छता के महत्व पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पूर्व क्षेत्र में कंपनी ने अपने ‘हैल्दी वाली दिवाली’ अभियान के तहत स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से स्वस्थ खाना पकाने, त्वचा की देखभाल और घरेलू स्वच्छता पर कई मध्यवर्ती कार्यक्रमों का आयोजन किया।

उपक्रमों पर टिप्पणी करते हुए, जीएस चीमा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उत्तर और दक्षिण एमवे इंडिया ने कहा है, “हर साल बढते हुए जोश और उत्सवों के बड़े और चमक-दमक होते जाने के साथ, एमवे इंडिया में हमने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और समग्र कल्याण को प्राथमिकता देना जारी रखा है। इस प्रवृत्ति के अनुरूप और लोगों को बेहतर, स्वस्थ जीवन जीने में सहायक बने रहने की अपनी प्रतिबद्धता को शक्ति देते हुए, हम स्वस्थ जीवन, सौंदर्य और घरेलू स्वच्छता पर ज्ञान साझा करने व आदान-प्रदान के लिए उत्कट्-इच्छा रखने समुदायों को एक साथ ला रहे हैं।  हमारे ‘हेल्दी वाली दिवाली’ अभियान के अंतर्गत आयोजित सत्र स्वास्थ्य पर केंद्रित थे – घर के अंदर, बाहर और चारों ओर, जिसमें विशेषज्ञ वक्ताओं ने हमारे एमवे डायरेक्ट सेलिंग पार्टनर्स के साथ आसान और स्वस्थ व्यंजनों, सौंदर्य, त्वचा की देखभाल और घरेलू स्वच्छता की युक्तियों को साझा किया। त्योहारों से ठीक पहले की जाने वाली ये अनूठी पहल लोगों को स्वयं का और अपने प्रियजनों का कल्याण सुनिश्चित करने में आकर्षक उत्पाद अनुभवों के माध्यम से अपने उत्सव समारोहों के संवर्धन में मदद करेगी।”

स्वस्थ चयन प्रोत्साहित करने के लिए एमवे ने एमवे क्वीन कुकवेयर रेंज का उपयोग करते हुए एमवे के न्यूट्रीलाइट ऑल प्लांट प्रोटीन से स्वादिष्ट उस पर बनाने में भी आसान स्वस्थ व्यंजनों की पाक-कला के सत्र आयोजित किए, जिसमें बाद वाला लगभग बिना तेल उपयोग कर उत्कृष्ट खाना पकाने का प्रदर्शन करता है। समारोहों के जोश संवर्धन सहित कंपनी ने “एटीट्यूड के अपने मेकअप और रंग रेंज से सौंदर्य लब्धि को कैसे बढ़ाया जाए?”, इस पर कार्यशालाएं आयोजित कीं, तथा आर्टिस्ट्री के प्रीमियम स्किनकेयर उत्पादों की अपनी श्रृंखला से त्वचा की देखभाल भी सुनिश्चित कैसे करें। इसके बाद, घरेलू स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एक स्वच्छ और चमचमाते घर के लिए त्वरित सूत्रों और युक्तियों पर संवादमूलक सत्रों ने लोगों को अंतिम पलों में सफाई की समस्याओं को दूर करने में मदद की।

डिजिटलीकरण की लहर को आत्मसात करते हुए एमवे ने इन उपक्रमों को आभासी रूप देकर उपभोक्ताओं के बड़े समूह को जागरूक बनाने के लिए उनका विस्तार किया है। साथ ही कंपनी स्वस्थ जीवन एवं पौष्टिक भोजन के महत्व को पुनः बताते हुए सामुदायिक निर्माण की भावना को प्रोत्साहित करने तथा दूसरों की मदद करते हुए अलग तरह से जश्न मनाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।

पीएम मोदी ने किया 3400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास

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गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी

हर मौसम में सीमा सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी

प्रधानमंत्री का देशवासियों से आह्वान, जहां भी घूमने जाएं अपने यात्रा खर्च का कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें

देहरादून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सीमा पर स्थित उत्तराखण्ड के माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में 3400 करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं सहित दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) शामिल हैं।

यात्रा का कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें पर्यटक :

प्रधानमंत्री ने माणा गांव के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किये गये स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि माताओं व बहनों ने बहुत अच्छा काम किया है। पैकेजिंग वगैरह में मन प्रसन्न हो गया। प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रो रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल में कोरोना की वैक्सीन पहाड़ों तक पहुंचाई गई। इसमें उत्तराखण्ड और हिमाचल में बेहतर काम किया गया। गरीब कल्याण योजना में उत्तराखण्ड के लाखों लोगों को लाभ मिला। डबल इंजन सरकार ने होम स्टे और स्किल डेवलपमेंट से युवाओं को जोड़ा है। पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को एनसीसी से जोड़ रहे हैं। विकास कार्यों में ते आई है। पर्यटन का विस्तार हो रहा है। जल वन मिशन से गांवों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है। मल्टी मॉडल कनेक्टीवीटी प्रदान करने के लिये काम किया जा रहा है। सागरमाला, भारतमाला की तरह अब पर्वतमाला परियोजना पर काम होने जा रहा है। रोपवे पर बहुत बड़ा काम होने जा रहा है। बॉर्डर के गांवों में चहल पहल बढ़नी चाहिए। विकास वन का उत्साह होना चाहिए। जो कभी गांव छोड़कर गये है, उनका वापस लौटने का मन करे, हमें ऐसे जिंदा गांव बनाने हैं।

सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव :

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा माणा को भारत के अन्तिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा कि अब तो मेरे लिये भी सीमाओ पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है। पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। लोग माणा आएं , यहां डिजिटल टेक्नोलॉ का प्रयाग किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि माणा गांव से जुड़ी अपनी पुरानी स्मृति बताते हुए कहा कि आज से 25 वर्ष पहले जब वह उत्तराखण्ड में भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते थे एक अनजाने वन के रूप में अपना वन व्यतीत कर रहे थे तो उस समय उनके द्वारा माणा में उत्तराखण्ड भाजपा कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी, तो मेरे कार्यकर्ता नाराज भी हुए थे इतने दूर इतनी मेहनत से जाना पड़ेगा। तब मेरे द्वारा कहा गया कि जिस दिन हमारे दिल में माणा गांव का महत्व पक्का हो जायेगा ना उस दिन उत्तराखण्ड की जनता के दिल में महत्व बन जायेगा। और उसी का परिणाम है, माणा गांव की मिट्टी की ताकत है आप सभी का आशीर्वाद है। माणा की धरती के आशीर्वाद से हमें दुबारा सेवा करने का मौका मिला है।

21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज का दिन बाबा केदार और बाबा बद्रीविशाल के दर्शन करके उनका आर्शीवाद प्राप्त करके वन धन्य हो गया है तथा यह पल पल मेरे लिये चिरंवी हो गये हैं। उन्होंने कहा कि बाबा के सानिध्य में, बाबा के आदेश से, बाबा के कृपा से पिछले बार जब मैं आया था तो कुछ शब्द मेरे मुंह से निकले थे कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का है। मैं आप सभी को बताना चाहुंगा कि वह शब्द मेरे नही थे, वे शब्द बाबा के आर्शीवाद से मेरे मुख से निकले थे। आज मैं आप सभी के बीच इन नई परियोजनाओं के साथ फिर वही संकल्प दोहराने आया हूं।

 

विकसित भारत के दो प्रमुख स्तंभ, अपनी विरासत पर गर्व और विकास के लिए प्रयास

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के विकसित भारत के दो प्रमुख स्तंभ है, पहला अपनी विरासत पर गर्व और विकास के लिए हर संभव प्रयास। उत्तराखण्ड इन दोनो ही स्तम्भों को मजबूत कर रहा है। आज मुझे दो रोपवे के शिलान्यास का मौका मिला है। इससे केदारनाथ और हेमकुण्ड साहिब के दर्शन करना और आसान हो जायेगा। इन रोपवे से काम करने वाले लोगों पर देश के 130 करोड़ लोगों का आर्शीवाद बरसने वाले हैं। श्रमिकों और एंव इंजिनियरों से बात करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि वे भगवान का काम कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्रवासियों से इन काम में लगे मजदूरों का ध्यान रखने का आग्रह किया।

आस्था के केंद्र हमारे लिये प्राणशक्ति :

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की मानसिकता ने लोगों को ऐसा जकडा हुआ है कि प्रगति का हर कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है। विदेशों में संस्कृति से जुड़े ऐसे कार्यों की तारीफे की जाती थी और भारत में नहीं। गुलामी की मानसिकता ने हमारी पूजनीय आस्था स्थलों को जर्जर स्तर पर ला दिया था। दशकों तक हमारे धार्मिक स्थलों की अवहेलना हुई। आस्था के यह केन्द्र सिर्फ ढ़ांचा नही बल्कि हमारे लिये यह प्राणशक्ति है। वह हमारे लिये ऐसे शक्तिपूंज है जो कठिन से कठिन परिस्थतियों में भी हमें वंत बनाये रखते हैं। आज अयोध्या, काशी, उज्जैन अपने गौरव को पुनः प्राप्त कर रहे है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम को श्रद्धा के साथ आधुनिकता से जोडा जा रहा है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां काली के मंदिर से लेकर देवी विंध्यांचल कोरिडोर तक भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है। आस्था के इन स्थलों पर पहुंचना, हर श्रद्धालु के लिए सुगम एवं आसान हो गया है। विश्वास है कि देश की नई पीढ़ी के लिए भी यह श्रद्धा का आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। अब हमारे दिव्यांग साथी भी दर्शन कर रहे हैं। गिरनार में जब रोपवे बनाया तो 80 साल के बुजुर्ग भी यात्रा करने लगे, कई लोगों ने मुझे चिटठी भेज कर धन्यवाद दिया।

 

आस्था केंद्रों के पुनर्निर्माण से पहाड़ में ईज ऑफ लिविंग :

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि, इस परिवर्तन का साक्षी बन रहे हैं। डबल इंजन की सरकार बनने से पहले एक सीजन में ज्यादा से ज्यादा 5 लाख श्रद्धालु आया करते थे अब इस सीजन में यह संख्या 45 लाख हो गई है। आस्था और आध्यात्मिकता के पुनर्निमार्ण का एक और पक्ष है। पहाड़ के लोगों के ईज ऑफ लिविंग का, उनके रोजगार का, जब पहाड़ में रोड, रेल और रोपवे पहुंचते तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं और पहाड़ का वन भी शानदार, जानदार और आसान बना देते हैं। अब तो हमारी सरकार ड्रोन का उपयोग सामान ढोने में भी करने की योजना पर काम कर रही है। इससे पहाड़ के लोगों को अपने फल और सब् बाजार तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें आदरणीय प्रधानमंत्री जैसे महामुनि का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। जिनके विचारों से सम्पूर्ण विश्व लाभान्वित हो रहा है। साथ ही हमें गर्व है कि आदरणीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम उस महान यात्रा के सहयात्री हैं जिस यात्रा का गंतव्य भारत को पुनः विश्व गुरू बनाना है। प्रधानमंत्री एक तपस्वी की भांति किस प्रकार से नए भारत के निर्माण की अग्नि को सफलतापूर्वक प्रज्जवलित किये हुये हैं। उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से विश्वास दिलाता हूं कि इस महायज्ञ की सफलता के लिए जिस भी आहुति की आवश्यकता होगी उत्तराखंड उसके लिए सदैव तत्पर रहेगा। हम उत्तराखंड को ’’उत्कृष्ट उत्तराखंड’’ बनाने के ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री ने सदैव उत्तराखंड के विकास को प्राथमिकता दी है और उनके नेतृत्व में उन्नति और उत्थान की एक अभूतपूर्व गाथा देवभूमि में लिखी जा रही है। वर्ष 2013 की उस अति भयावह त्रासदी के बाद का, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सर्वप्रथम आपने ही उत्तराखंड की सहायता के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, आज अभूतपूर्व रूप से भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसके साथ इसे किया जाना चाहिए था।चाहे राम मंदिर का निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ मंदिर का अविस्मरणीय पुनरोद्वार हो, केदारपुरी व बद्रीनाथ पुरी का पुर्ननिर्माण व सौन्दर्यीकरण हो या हाल ही में राष्ट्र को समर्पित महाकाल लोक हो। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की अस्मिता के प्रतीकों व सांस्कृतिक धार्मिक- धरोहरों को जिस प्रकार से संरक्षित व संवर्धित किया जा रहा है उसकी शब्दों में व्याख्या संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा भोलेनाथ की असीम कृपा तथा प्रधानमंत्री के दिशानिर्देशों के अनुसार की गई तैयारियों के कारण इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान 4 करोड़ शिव भक्तों को हरिद्वार से गंगा जल ले जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा अभी तक 45 लाख भक्तों ने चारधाम यात्रा में प्रतिभाग किया है। इस वर्ष की कावड़ यात्रा व चारधाम यात्रा कई अर्थों में ऐतिहासिक रही हैं।सदियों से तिरस्कृत किये गये अपने तीर्थ क्षेत्रों को विकसित और आधुनिक बना रहे हैं, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह स्वर्णिम कालखंड भारत की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक चेतना के पुनरोत्थान का कालखंड है। आधुनिकता के संतुलित समावेश के साथ आज सनातन संस्कृति का वैभव पुनर्वित हो रहा है तथा भारत पुनः विश्वगुरु के स्थान पर स्थापित हो समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने के लिये तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व के समक्ष जो भी समस्याएं हैं उनके समाधान के लिये सभी विश्व शक्तियां भारत की ओर देख रही हैं तथा भारत की नीतियों का अनुसरण कर रही हैं।
यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नीतियों का ही परिणाम है कि कोरोना की गंभीर मार के बावजूद आज भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत बनी हुई है बल्कि कई विकसित देशों से बेहतर प्रदर्शन भी कर रही है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता आर्थिक मोर्चे पर ही नहीं, सामरिक मोर्चे पर भी बेहद स्पष्ट है। आज किसी दुश्मन की हिम्मत नहीं है कि वो भारत की तरफ आंख उठा कर भी देख ले। आज जहां एक ओर सेना आधुनिक हथियारों से सुसंपन्न हो रही है, सैनिकों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं वहीं दूसरी ओर रक्षा क्षेत्र में धीरे-धीरे भारत की भूमिका आयातक की जगह निर्यातक की बन रही है। सेना के इस सशक्तिकरण से हमारा उत्तराखंड सर्वाधिक लाभान्वित हुआ है। आज सेना में अपनी सेवा दे रहा देवभूमि का प्रत्येक जवान इस बात से निश्चिंत है कि उसके परिवार का ख्याल रखने के लिए देश व प्रदेश में डबल इंजन की राष्ट्रवादी सरकारें हैं।

 

प्रधानमंत्री , का यह कथन कि ‘‘21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा’’ हमें एक नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है। एक तरफ जहां यह हमें गर्व की अनुभूति कराता है वहीं दूसरी तरफ यह हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराता है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध हैं। हमने राज्य को वर्ष 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए ’’विकल्प रहित संकल्प’’ का मूलमंत्र अपनाया है।

इस अवसर पर राज्यपाल ले0ज0 गुरमीत सिंह (से.नि.), कैबिनेट मंत्री डा0 धन सिंह रावत, सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय सांसद तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

शिलान्यास की गई परियोजनाओं का विवरण :

3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया। जिनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं भी शामिल थी। केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी।

शासन ने दीपावली से पहले वन विभाग के कई आईएफएस अधिकारी के किए स्थानान्तरण

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देहरादून, वन विभाग से बड़ी खबर है दीपावली से पहले शासन ने वन विभाग मे कई आईएफएस अधिकारी के ट्रांसफर कर दिए हैं। शासन में उप सचिव सत्य प्रकाश सिंह द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में नीरज कुमार, बीडी सिंह, कहकशा नसीम और कुंदन कुमार के स्थानांतरण किए गए हैं।

 

घरों के चिराग बुझे तो विक्षिप्त हो गईं उमा और कुसुम, ग्रामीणों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

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हल्द्वानी, गौलापार के लक्ष्मपुर गांव में रहने वाली दो महिलाओं के जीवन में घटी घटनाओं ने उन्हें अंदर तक ऐसा झिंझोरा कि उनका दिमाग सदमें को बर्दाश्त नहीं कर सका और अब दोनों महिलाएं मानसिक विक्षिप्तता की स्थित में आ गई है। सुधबुध खो चुकी इन महिलाओं को न तो अपने तन की परवाह है और न ही घर—परिवार की। उनकी हालत पर दया करके स्थानीय लोग उन्हें कपड़े और खाना तो देते हैं लेकिन उनकी हालत ऐसी नहीं कि बिना नियमित उपचार के उन्हें स्वस्थ किया जा सके। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि दोनों महिलाओं को महिला पुनर्वास केंद्र में स्थान देकर उनका मानसिक उपचार कराये ताकि ठीक हो कर वे भी घर परिवार वाली हो सकें। एक एक कर जानते हैं दोनों महिलाओं की कहानी :

 

घटना आज से 11—12 साल पहले की है। लक्षमपुर गांव में रहने वाले मनोहर यिंह बसेड़ा अपनी पत्नी उमा देवी और तीन बच्चों के साथ चैन से जहवन गुजार रहे थे। तब उनका कच्चा मकान था, जिसमें छप्पर पड़ा था। एक रोज छप्पर में आग लगी और मनोहर का पूरा आसियाना जल कर राख हो गया। ग्रामीणों की मदद से उमा देवी और दो बच्चों को तो निकल लिया गया लेकिन उनका तीन —चार साल का एक बेटा आग में जिंदा ही जल गया। यह पूरी घटना उमा देवी ने अपनी आंखों से देखी; वह अपने सीने के टुकड़े को चाहते हुए भी बचा नहीं सकी। बस उसी दिन से उनकी जिंदगी पलट गई,
बेटे को खोने का सदमा उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ और उमा देवी डिप्रेशन में चली गई। वक्त के साथ परिवार के सभी लोग हादसे को भूल कर अपनी जिंदगी की गाड़ी को पटरी पर लाने के प्रयास में उलझ गए। बच्चे बड़े होते गए। पति ने भी परिवार चलाने को हल्द्वानी में सुरक्षागार्ड की नौकरी कर ली।
अब मनोहर सिंह बसेड़ा सुरक्षाकर्मी की तन्ख्वाह से परिवार चलाते या पत्नी का इलाज करते। मजबूरी वश उन्होंने बच्चों का भविष्य बनाने की राह चुनी। उनका बड़ा बेट तकरीबन बीस वर्ष का है। कुछ साल तक तो मनोहर सिंह पत्नी को जैसे—तैेसे घर पर रखे रहे लेकिन उमा देवी का मर्ज लगातार बढ़ता गया और आखिर में उमा ने विक्षिप्तता की हालत में घर से बाहर कदम रखा। अब उनके मूड पर निर्भर रहता है ​कि वे शाम को घर लौटेंगी या फिर कहीं भी अपनी रात गुजार लेगी।

दिक्कत यह है कि परिजन उन्हें घर ले जाए भी तो वे मौका देखकर घर से कोई भी सामान उठाकर भाग निकलती हैं। वे वस्त्र पहन कर घूम रहीं है या नहीं उन्हें यह भी होश नहीं रहता। ऐसे में उनके सामने पड़ने वाले ग्रामीण अपने आप को असहज पाते हैं। पिछले दिनों उनके सिर में गहरा घाव देखकर कुछ समाज सेवियों ने उनका उपचार तो किया लेकिन नियमति उपचार के अभाव में जख्म कब ठीक होगा किसी को पता नहीं। उन्हें किसी ऐसे आश्रम की आवश्यकता है जिसमें उनका मानसिक और शारीरिक उपचार दोनों हो सकें। निश्चित रूप से सरकारी सहायता के बिना यह संभव नहीं होगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें महिला आश्रम में या फिर सरकारी मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जाए।
कुसुम की कहानी भी अपनी ही गांव की रहने वाली उमा बसेड़ा से जुदा नहीं है। उनके साथ भी वैसा ही कुछ हुआ। लगभग पंद्रह साल पहले एक हादसेमें उनके पति त्रिलोक बेलवाल का निधन हुआ तो परिवार चार बच्चों और बूढ़ी सास को संभालने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आन पड़ी। वे जिंदगी की भागदौड़ में व्यस्त होतीं इससे पहले ही उनकी सास का भी निधन हो गया। कुसुम अकेली रह गई। अवसाद की शिकार कुसुम कब विक्षिप्तता की सीमा में प्रवेश कर गई उन्हें पता ही नहीं चला। बाद में पति की बहन आई और बच्चों को अपने साथ ले गई। एक बेटी की शादी कर दी गई है जबकि दूसरी अभी पढ़ रही है। एक बेटा कहीं लापता हो गया और बड़ा वाला जैसे तैसे अपना पेट भर रहा है। कुसुम का घर है और उसमें किरायदार भी हैं,लेकिन कुसुम कभी कभार ही अपने घर की रहा पकड़ती हैं। वे पूरा दिन इधर उधर भटकती रहती है। किसी ने कुछ दे दिया तो खा लिया, किसी ने कपड़े दे दिए तो पहन लिए। लगभग 42 वर्षीय कुसुम को भाी सराकारी मदद की दरकार है।

सामाजिक कार्यकर्ता ललित प्रसाद आर्या के अनुसार परिस्थितिवश इस हालात तक पहुंची दोनों महिलाओं को सरकारी मदद की नितांत आवश्यकता है। उन्हें देखरेख के साथ उपचार की भी जरूरत है। वे कहते हैं उनकी जितनी मदद हो सकती है हम कर ही रहे हैं लेकिन जो काम चिकित्सालय में हो सकता है उसे सड़क पर नहीं किया जा सकता (साभार सत्यमेव जयते)।

राष्ट्रीय एकता का एहसास कराता सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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देहरादून, एंजिल्स एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लक्ष्मी विहार बहादराबाद, हरिद्वार में ओशीन कला एवं संस्कृति मंच की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूल की प्रधानाचार्या और इंदिरा गांधी पर्यावरण अवार्ड से सम्मानित मुख्य अतिथि जगदीश बावला ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि जगदीश बावला ने कहा कि गायन, शास्त्रीय, नृत्य जैसी सभी प्रकार की विधाएं व्यक्ति की साधना से जुड़ी हुई हैं। हमें ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर करते रहना चाहिए, जिससे सभी बच्चे अपने संस्कृति से जुड़े रहें।

कार्यक्रम में तपस्या शास्त्रीय नृत्य एकेडमी, देहरादून से आए बच्चों ने शास्त्रीय संगीत और नृत्य के माध्यम से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया, कार्यक्रम में भगवानपुर बहादराबाद रुड़की हरिद्वार एवं देहरादून के कलाकारों द्वारा भव्य प्रस्तुति दी गई विशेषकर तपस्या शास्त्रीय संगीत विद्यालय की डायरेक्टर प्रधानाचार्य द्वारा प्रशिक्षित छात्रों द्वारा तैयार भरतनाट्यम एवं कत्थक के विविध कार्यक्रम की प्रस्तुति द्वारा दर्शकों को एवं छात्र छात्राओं को तालियां बजाने हेतु को मजबूर किया कार्यक्रम की सभी दर्शकों द्वारा भूरी भूरी प्रशंसा की गई गणेश एवं गुरु वंदना से कार्यक्रम में जहां हनुमान चालीसा 12 राशियों पर आधारित नृत्य द्रौपदी चीरहरण शिव कीर्तन आदि की विशेष प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया कार्यक्रम में जहां अरमान सक्सेना के तबला सोलो वादन की प्रस्तुति की जोरदार प्रशंसा की गई तपस्या का शास्त्रीय डांस एकेडमी की गुरु श्रीमती माया वी द्वारा परम पुरूसुद् दुर्गा स्तुति द्रौपदी मंगलम विश्वकर्म आदि की भव्य प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की गई देहरादून के निशा संगीत विद्यालय गुरु श्रीमती निशा मार्कंडेय की छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति की गई साथ ही स्वर्णिमा मार्कंडेय द्वारा वायलिन वादन एवं भैरवी मार्कंडेय द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति दी गई | विशेष अतिथि के रूप में विद्यालय के प्रधानाचार्य पुष्पेंद्र चौहान श्रीमती निशा मार्कंडेय एवं समाजसेवी डॉ. अमरदीप द्वारा संयुक्त रूप से मां सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉक्टर देवेंद्र चौहान भूपेंद्र चौहान अजय त्यागी अनुराधा त्यागी के दर्शन निशा मार्कंडेय, राहुल मार्कंडेय पंकज पपनोइ , उषा चोधरी ,रश्मि चौहान,भैरवी एवं भारत विकास परिषद की वरिष्ठ पदाधिकारी श्रीमती कमला जोशी आदि उपस्थित रहे मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि कार्यक्रम की भव्यता संतुलित रूप कम समय में अधिक कार्यक्रम की प्रस्तुति प्रशंसनीय थी कार्यक्रम अपने आप में राष्ट्रीय एकता से ओतप्रोत हुआ हुआ है जो कि प्रशंसनीय था कार्यक्रम को ओशीन कला एवं संस्कृति मंच के सहयोग से आयोजित किया गया। सभी लोगों द्वारा व्यवस्थित व्यवस्था की भी प्रशंसा की गई कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका मनीषा और प्रियंका द्वारा किया गया।

इमैक ने दिव्यांग को दिवाली पर दिया व्हीलचेयर का उपहार- डा.विशाल गर्ग

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हरिद्वार, ( कुलभूषण) सामाजिक संस्था इमैक ने जेवीजी कॉलोनी जमालपुर में रहने वाली आशा कार्यकर्त्री राजबाला के दिव्यांग पुत्र प्रशांत पाल को को व्हील चेयर प्रदान की। समिति को भाजपा नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता डा.विशाल गर्ग द्वारा जानकारी प्राप्त हुई कि प्रशांत पाल की आर्थिक स्थिति ठीक नही है औरएक व्हीलचेयर की अत्यंत आवश्यकता है। डा.विशाल गर्ग ने कहा कि इमैक संस्था सामाजिक दायित्वों को निभा रही है। दिव्यांग समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि समर्पित भावना से संस्था अपने कार्यो को अंजाम दे रही है। मेरे अनुमोदन पर संस्था की और प्रशांत पाल को व्हीलचेयर प्रदान की गयी। जिसके लिए संस्था के सभी पदाधिकारी व सदस्य बधाई के पात्र हैं। इमैक के अध्यक्ष आशीष कुमार झा ने बताया कि एक गरीब दिव्यांग की आवश्यकता को समझते हुए समिति के सभी कोर सदस्यों से चर्चा कर व्हील चेयर की व्यवस्था की गयी। इमैक के सदस्य गगन शर्मा को इसमें खास योगदान रहा। दीपावली के पर्व पर एक दिव्यांग की मदद कर सभी प्रसन्न हैं। समाज के जरूरतमंदों की सेवा के लिए इमैक हमेशा तत्पर रहेगी। इस अवसर पर समिति की सचिव डा.मौसमी गोयल, विभव भटनागर, हेमा भंडारी, सुनीता झा, श्वेता भटनागर, पत्रकार संजय वर्मा, अनीता वर्मा, राजा गोयल उपस्थित रहे। सभी ने दिव्यांग प्रशांत पाल के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्हें दीवाली की शुभकामनाएं भी दी और आश्वासन दिया कि उसके लिए घर से ही रोजगार प्रदान करने पर उचित विचार कर जल्द ही व्यवस्था की जायेगी।

पीएम मोदी के दौरे से उत्तराखंड को नहीं मिला न्याय – नेगी

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उत्तराखंड से हिमाचल विधानसभा चुनाव को साधने की कोशिश होगी नाकाम
राज्य में पनप रहे भ्रष्टाचार भाई भतीजावाद बिगड़ती कानून व्यवस्था महिला अपराधों पर साधे रखी चुप्पी

रुद्रप्रयाग- प्रधानमंत्री के उत्तराखंड दौरे से राज्य की जनता को निराशा हाथ लगी है पीएम के केदारनाथ धाम आने पर हिमाचली परिधान में हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा की हो रही फजीहत को कम करने का संदेश दिया है जिसमें नाकामी ही हाथ लगेगी पीएम मोदी ने उत्तराखंड राज्य में पनप रहे भ्रष्टाचार भाई भतीजावाद बिगड़ती कानून व्यवस्था महिला अपराधों पर चुप्पी साधे रखी उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी गव ने बयान जारी करते हुए कहा कि वर्तमान हालात में नैतिकता के आधार पर भाजपा शासन करने का अधिकार खो चुकी है भाजपा सरकार में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने पर भी बेशर्म होकर सत्ता में बैठी है भाजपा राज में महिलाओं पर अपराध का ग्राफ भी बड़ा है कानून व्यवस्था प्रदेश में ध्वस्त है भाई भतीजावाद भ्रष्टाचार चरम पर है अगर प्रधानमंत्री बद्री केदार के बड़े भक्त हैं तो बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में हो रहे भ्रष्टाचार को क्यों समाप्त नहीं कर पा रहे हैं । उन्होंने कहा कि बाबा केदार और बद्री विशाल देख रहे हैं सब कुछ देश व प्रदेश की जनता के साथ जल्द होगा न्याय युवा मजदूर बेरोजगार किसान दलित और शोषित वंचित वर्ग माताओं और बहनों ने पिछले भाजपा शासन से हो रही अव्यवस्थाओं को झेला है उन सव का हिसाब भाजपा को जनता के आक्रोश से चुकाना पड़ेगा भाजपा झूठ का पिटारा है। फिर एक बार बद्री केदार से झूठ का झुनझुना देश को देना चाह रही है जिसे आम जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली क्योंकि जनता जान चुकी है उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल रसोई गैस में बेतहाशा वृद्धि खाद्य पदार्थों देशभर के बिस्व विद्यालयों की फीश में 3 गुना वृद्धि साग सब्जियों के दामों में भारी वृद्धि प्राइवेट सेक्टर को भारी क्षति 18 से 40 वर्ष के नौजवान युवा सड़कों पर बेरोजगार घूम रहे हैं । और सरकार झूठ का पुलिंदा फेंक कर जनता को गुमराह करने पर लगी है जिससे अब भाजपा को सफलता नहीं मिलने वाली कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सत्ता का रौब दिखाकर अधिकारियों को उल्टे सीधे काम करने पर मजबूर कर रही है जिससे भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद में इजाफा हो गया है उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में शराब माफिया भू माफिया व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर राज्य के संसाधनों पर डाका डाल रही है और नारा देती है जीरो टॉलरेंस का खोखले नारों से राज्य का भला नहीं होने वाला है।