Saturday, April 20, 2024
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मुनस्यारी : उप जिलाधिकारी के पक्षपाती कार्यप्रणाली, नाराज हुये पंचायत प्रतिनिधि ने उच्च अधिकारियों को की शिकायत

मुनस्यारी, ।  उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह की पक्षपाती कार्यप्रणाली से पंचायत प्रतिनिधि नाराज हो गए है. तीन कार्यदायी संस्था पर सख्त कार्यवाही तथा एक पर लूट के लिए मेहरबानी के कारण यह विवाद पैदा हुआ है. इसकी शिकायत मुख्य सचिव, कुमांऊ आयुक्त, जिलाधिकारी से की गई है. इस मुद्दे को धार देने के लिए 17 अक्टूबर को निगरानी समिति की बैठक भी बुलाई गई है.

एक माह के अल्प कार्यकाल में ही उपजिलाधिकारी अभय विवाद में आ गए है. हुआ यूं कि पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जल निगम डीडीहाट द्धारा निर्माणाधीन एक करोड़ 74 लाख की लागत से बन रही मुनस्यारी पेयजल योजना में घटिया किस्म की निर्माण सामाग्री का उपयोग करने व मूल स्रोत का निर्माण कार्य पहली बरसात में ही टूट जाने की शिकायत की थी. जिस पर एसडीएम ने 24 घंटे के भीतर निर्माण कार्य रोकते हुए घटिया किस्म की निर्माण सामाग्री के नमूने भी एकत्र कर लिया था. जल संस्थान के अधिशाषी अभियंता को केवल पानी न आने व निर्माण कार्य में अनियमिता किए जाने पर यहां तलब करवा दिया था.

राजकीय महाविद्यालय बना रहे राजकीय निर्माण निगम के घटिया किस्म की निर्माण सामाग्री के नमूने भी सीज किए थे.
हरकोट मोटर मार्ग को खोलने के लिए आंदोलन की चेतावनी देने पर पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता को यहां बुलाकर जनता की छः माह से चली आ रही समस्या का समाधान करवाया. इन कदमो सै एसडीएम की छवि जनता व जनप्रतिनिधियों में अच्छी बन गई थी. जैसे ही ग्रामीण निर्माण विभाग का मामला आया तो एसडीएम ने सख्त कदम उठाने की जगह शिकायती पत्र पर स्वंय कुछ नहीं किया ओर पत्र को जिलाधिकारी को भेज दिया.
एसडीएम के एक जैसे मामलो में दोहरा मापदंड अपनाने से पंचायत प्रतिनिधियों ने एसडीएम के खिलाफ़ मौर्चा खोल दिया है.

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि ग्रामीण निर्माण विभाग के पांच निर्माण कार्यो की पूर्व की तरह जांच की मांग की थी, इन पर तत्काल प्रभाव से जांच व निर्माण सामाग्री के नमूना लेकर उसे सीज करने, सभी कार्यो को जांच होने तक रोकने का आदेश देना चाहिए था,लेकिन शिकायत को बाई पास कर इस विभाग को बचाने का कार्य किया गया है.
मर्तोलिया ने बताया कि हमने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से कर दी है. कार्यवाही के साथ हम एसडीएम की भूमिका की भी जांच चाहते है. कहा कि उनके जिला पंचायत वार्ड के 25 ग्राम पंचायतो के निर्माण कार्यो की निगरानी के लिए बनी निगरानी समिति की 17 अक्टूबर को बैठक होनी है. इसमें इस मामले में न्यायालय जाने व आंदोलन करने की दोनो संभावनाओं पर चर्चा कर आगे की रणनीति पर फैसले लिए जाएंगे.

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