Saturday, November 23, 2024
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स्वदेशी खेलों से ही होगा स्वस्थ भारत का निर्माण : श्रीनिवास

हरिद्वार 11 अगस्त (कुल भूषण शर्मा) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय सह संघठन मंत्री श्रीनिवास ने पेफी उत्तराखंड चैप्टर, पंतजली योग विश्वविद्यालय हरिद्वार एवं कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार झील एंड फील ऑफ़ स्वदेशी खेल fवशय पर आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा की स्वदेशी कोई वस्तु या प्रकार नही है, अपितु स्वदेशी एक भाव या विचार है  ए जो हमे अपने देश की प्राचीन संस्कृति व परम्परा से जोड़ता है  ।

उन्होंने कहा की स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देना चाहिए जैसे स्वदेशी भाषा पर नयी शिक्षा नीति में कक्षा 5 तक जोर दिया गया है उसी तरह स्वदेशी खेल जैसे कबड्डी, खो खो, ड्राप रो बाल आदि लिए खेल जरूरी होने चाहिए. भारतीय खेल, खेल-खेल में भारत का दर्शन सिखाते है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पियूष जैन ने कहा की देश के खेलों को आगे बढाने की जिम्मेदारी हम सभी की है, भारतीय खेलों के पिछड़ने का एक बड़ा कारण इसका व्यवसायीकरण ना होना है, आजकल जो दिखता है, वही बिकता है. हम सभी संघठनो का प्रयास होना चाहिए की हम अपने खेलों को विश्व मानचित्र पर इस तरह से प्रदर्शित करें की सभी लोग इन खेलों को खेलें।

कार्यक्रम की शुरुआत में पेफी उत्तराखंड चेप्टर के अध्यक्ष डॉ. अजय मलिक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूप रेखा को रखा. पतंजलि विश्वविद्यालय के डीन डॉ विनोद कुमार कटियार, डॉ. अनिल करवंदे पूर्व प्राचार्य इश्वर देशमुख कॉलेज नागपुर, डॉ मुकुल पंत एच एन बी विश्वविद्यालय गढ़वाल और ड्राप रो बाल के संस्थापक ईश्वर सिंह आचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए स्वदेशी खेलों को आगे बढाने में पेफी की पहल की सराहना की. ।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव, पेफी उत्तराखंड चैप्टर के सचिव डॉ. धर्मेन्द्र बाल्यान ने सभी का आभार प्रगट किया।।   कार्यक्रम में पूरे देश भर से 3500 से अधिक शारीरिक शिक्षकों और खेल प्रशिक्षकों ने भाग लिया।

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