देहरादून, उत्तराखंड़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से विदाई के बाद श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने चुप्पी साध ली है। जबकि वे साल कार्यकाल बढ़ाये जाने को लेकर थे आश्वस्त, इसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
बुधवार को दिन भर उनके दोनों फोन नंबर बंद रहे। बोर्ड की सचिव दमयंती के मामले में शासन के बदले रुख को लेकर यही चर्चा रही कि हरक सिंह ने शासन से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है।
श्रम मंत्री हरक सिंह प्रदेश के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। 2017 में कर्मकार कल्याण बोर्ड में उनकी ताजपोशी को भी उनके रुतबे और सरकार में पैठ के रूप में देखा गया था। इसके बाद बोर्ड के सचिव पद के रूप में दमयंती की तैनाती भी उनके इसी रुतबे का परिणाम माना गया,
उन्होंने कई आरोप भी झेले बोर्ड के पिछले तीन साल के कार्यकाल में हरक सिंह अपने इस रुतबे के चलते कई आरोपों को दरकिनार करते रहे। बोर्ड सचिव पर भी घटिया साइकिलों को बांटने सहित अन्य कई आरोप लगे। ऐसे में जितने मुुखर होकर वह बोर्ड के अध्यक्ष बनाते समय हुए थे, तीन साल बाद उतनी ही खामोशी से उनकी पद से विदाई भी हुई। सूत्रों के मुताबिक हरक सिंह को यह भनक भी नहीं लगी कि बोर्ड का पुनर्गठन किया जा रहा है। वह मान रहे थे कि उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया जा रहा है बताया जा रहा है कि इसी बात को लेकर हरक सिंह नाराज हैं। हालांकि सियासी समझदारी के चलते अभी तक हरक ने इस पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
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