Thursday, March 28, 2024
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कोरोना कॉल में खेलकूद और व्यायाम का महत्व

(पारितोष वैध खेल विशेषज्ञ)
महामारी के इस दौर में जहां पूरा विश्व परेशान हैं और विभिन्न कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है वही मानव के सामने अपने जीवन को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती आज समाज के सामने खड़ी है ! एक और जहां विश्व की सभी सरकारें अपने अपने देश के नागरिकों को स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न उपाय बता रही है तथा जन जागरूकता अभियान चला रही है वहीं दूसरी ओर भारत जैसे विकासशील देश में जहां जनसंख्या का घनत्व अपने आप में ही इस बीमारी से निपटने के लिये चुनौती भरा है क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं के पर्याप्त संसाधनों ना होने के कारण सरकार को देश के नागरिकों से सुरक्षा के उपाय दो गज दूरी है बहुत जरुरी, मास्क की अनिवार्यता, हाथों को बार- बार धोना और सेनेटाइज करना आदि से अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने की अपील की जा रही है ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके !

देश में पिछले 8 महीनों से जहां एक और विद्यालय बंद है वहीं दूसरी ओर अन्य गतिविधियों पर भी लगभग रोक सी लगी हुई है , बहुत आवश्यक गतिविधियों को ही इस दौरान खोला जा रहा है और खुलने से पूर्व सुरक्षा के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं ! क्रोना काल में यह देखने में आया है कि जिस भी मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता और शरीर स्वस्थ है उस पर इस बीमारी का असर कम रहा है दूसरी और शारीरिक रूप से कमजोर और बीमार लोगों पर इस बीमारी ने राज किया है और उनकी मृत्यु दर भी स्वस्थ मनुष्य के मुकाबले ज्यादा है !

अब सवाल यह उठता है कि मनुष्य को अपना इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए जिनके माध्यम से इस बीमारी पर विजय प्राप्त कर देश में सुरक्षात्मक वातावरण तैयार किया जाय ! स्वस्थ शरीर को बनाने के लिये जितना आहार जरूरी है उतना ही जरुरी शारीरिक गतिविधियां है जिनमें खेलों और व्ययाम का अहम महत्व है , एक्सरसाइज और खेलकूद ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा आप अपने शरीर की मांसपेशियों को मजबूत रखते हुए अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इस बीमारी को परास्त कर सकते हैं ! अब सवाल यह उठता है कि जब एक और सभी गतिविधियों को बंद किया गया है तो खेल किस प्रकार खेले जाए और शारिरिक गतिविधिया किस प्रकार की जाय इन के माध्यम से किस प्रकार अपना और समाज के अन्य लोगों का स्वास्थ्य मजबूत किया जा सके !

खेलों के लिए वर्तमान समय में यह जरूरी नहीं है कि आपके पास बहुत बड़े-बड़े मैदान और उपकरण उपलब्ध हो कम संसाधनों के साथ भी हम अपने खेल अभ्यास को जारी रख कर के इस महामारी के दौर में अपने खेल कौशल को निखार सकते हैं और साथ ही साथ अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं अब सवाल यह उठता है कि खेल कौशल को संवारने के लिए वह कौन-कौन से उपाय है जिनके माध्यम से हम अपने खेल में निखार ला सकते हैं और साथ ही साथ अपने शरीर पर भी ध्यान दे सकते हैं , किसी भी खेल को खेलने से पूर्व हमें उस खेल को खेलने के लिए अपने अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करना होगा मानसिक रूप से तैयार होने के बाद शारीरिक गतिविधियों के तहत हमें अपने शरीर की मांशपेशियों को और अंगों को मजबूत बनाने के लिए कुछ एक्सरसाइज और योग करने होंगे जिनमें प्रमुखता के तौर पर आप कार्डियो मस्क्युलर एक्सरसाइज को महत्व देते हुए अपने शरीर को खेल खेलने के लिए तैयार करते हुए अपने शरीर को तंदुरस्त बना सकते हैं !

करोना कॉल में घर पर रहकर ही किस प्रकार खेलों का अभ्यास किया जा सकता और खेल कौशल को कम स्थान पर रहकर भी सुधारा जा सकता हैं यह निम्न बातों से स्पष्ठ होता है जिस किसी खेल को खेलने के लिए तकनीकी ज्ञान का होना बहुत आवश्यक है उसी प्रकार किसी खेल में तकनीकी रूप से सुदृढ़ होने के लिए हमें उस खेल की बारीकियों से रूबरू होना बहुत जरूरी है तभी हम उस खेल में निखार ला सकते हैं ! हर खेल को खेलने के लिए अलग-अलग खेल विधाएं होती है और उन खेल विधाओं के अनुसार ही उसमें अभ्यास का कार्यक्रम चलाया जाता है जहां तक अपने घर पर रहकर ही किसी खेल को सुधारने का सवाल है तो यहां पर यह बताना चाहूंगा कि हम अकेले रहकर भी किसी खेल को बड़ी आसानी से खेल सकते हैं और उस खेल को खेलने के लिए हम कम से कम साधनों के माध्यम से भी अपने खेल में सुधार लाकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं !

कम जगह पर खेल खेलने के लिए आपको यदि फुटबॉल खेलनी है तो आप छोटे से ही स्थान पर फुटबाल खेल की बेसिक स्किल पुश-पास, ड्रीबलिंग, बाल कंट्रोल की प्रैक्टिस एव बॉल पर सही तरीके से किक मारने का अभ्यास अपने स्थान पर ही आसानी से कर सकते हैं , इसी प्रकार क्रिकेट में किसी को अपने बल्लेबाजी में निखार लाना है तो अपने घर के किसी कोने पर बॉल को हैंग करके उस पर अभ्यास कर सकते हैं, बॉलिंग में सुधार लाना है तो वे छोटे से स्थान पर है किसी निश्चित लक्ष्य पर बार-बार गेंद फेंक कर अपने अपने लक्ष्य विकेट लेने का प्रयास कर सकते हैं , इसी प्रकार बैडमिंटन खिलाड़ी अपने घर के किसी भी स्थान पर शटल हैंग करके अपने खेल बेडमिंटन का अभ्यास कर सकते हैं अन्य रुचि अनुरूप खेल भी बच्चे घर पर अभ्यास कर अपने आप को फिट रख सकते हैं ! अंततः यह कहा जा सकता है की खेलों के माध्यम से घर पर रह करके भी हम कोरोना वायरस से जंग जीतकर अपने आप को स्वस्थ रखकर देश को अपना अमूल्य योगदान देने में सक्षम होकर समाज को भी खेल और व्यायाम के माध्यम से अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की सीख दे सकते हैं !

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