Saturday, April 20, 2024
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मैं कृषक पुत्र हू ऋषि परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा हूँ  : स्वामी रामदेव

हरिद्वार 5 जनवरी (कुल भूषण) सेवाए संघर्ष व साधना के 26 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पतंजलि योगपीठ में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि 26 वर्ष पूर्व पंचपुरी हरिद्वार में शून्य से पतंजलि योगपीठ की यात्रा प्रारंभ हुई थी। इन 26 वर्षों में योग आयुर्वेद और स्वदेशी एक जनांदोलन बना है। आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी प्रेरणा पतंजलि योगपीठ बना है।

वाकल फोर लाॅकल का सबसे बड़ा कोई रोल माडल आइकोन हैए तो वह पतंजलि योगपीठ ही है। उन्होंने कहा कि योग आयुर्वेद व स्वदेशी की क्रांति के बाद भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से अब शिक्षा क्रांति का नया शंखनाद पतंजलि की ओर से होगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय पतंजलि आयुर्वेद कालेज आचार्यकुलम्ए वैदिक गुरुकुलम् वैदिक कन्या गुरुकुलम् तथा पतंजलि गुरुकुलम् आध्यात्मिक भारत की नींव रख रहे हैं। पतंजलि का अभी यौवनकाल चल रहा हैए अभी हमें कई नवीन कीर्तिमान बनाने हैं।

किसान आंदोलन पर स्वामी रामदेव ने कहा कि मैं जन्म से कृषक पुत्र हूँ कर्म व स्वभाव से कृषि व ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा हूँ। देश के अन्नदाता किसान तथा सरकार के बीच कोई सहमति बननी चाहिए कोई बीच का रास्ता निकलना चाहिए। किसानों की आड़ लेकर कुछ शरारती तत्व अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकने की कोशिश कर रहे हैं उनसे किसान आंदोलन को बचना होगा। आपसी संवाद से जल्द समाधान निकल जाएगा।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि ने अपने 26 वर्षों के लम्बे कालखण्ड में अनेक आयाम स्थापित किए हैं। पतंजलि अनुसंधान संस्थान के अन्तर्गत अल्प समय में नए नए कीर्तिमान स्थापित किए जा चुके हैं तथा हमारा आगामी आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर औषधि की मान्यता दिलाना है।

कार्यक्रम में साध्वी देवप्रिया बहन ऋतम्भरा पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डा . महावीर रजिस्ट्रार बहन प्रवीन पुनिया स्वामी परमार्थदेव अजय आर्य सेवानिवृत्त आई ए एस  एन पी  सिंहए डा . अनुराग वाष्र्णेय  पतंजलि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विमल चन्द्र पाण्डे  जयदीप आर्य तथा छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे।

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