Thursday, April 25, 2024
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नई दिल्ली : कोरोना पर काबू पाने के लिए अब सेना की मदद ली जाएगी, आम नागरिकों के लिए खुलेंगे सैन्य अस्पताल : रक्षा मंत्री

नई दिल्ली, देश में बेकाबू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार बेहद तेज है। पिछले तीन से लगातार 2.50 से अधिक नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं, जिसके चलते अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। देश में तेजी से कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा फैसला किया है। कोरोना पर काबू पाने के लिए अब सेना की मदद ली जाएगी।

रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख एमएम नरवणे, रक्षा सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष से कहा है कि वे सैन्य, कैंट और डीआरडीओ के अस्पतालों में आम नागरिकों को भी इलाज की सुविधाएं मुहैया कराएं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना से आम लोगों के लिए मेडिकल फैसिलिटी खोलने के लिए कहा है। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने राज्यों में मौजूद सेना के टॉप कमांडर से अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्री से संपर्क करके जरूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के सभी लोकल कमांडर्स को अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद देने के लिए भी कहा है। इसी तरह रक्षा सचिव को आदेश दिया गया है कि वह कैंट बोर्ड के सारे अस्पतालों में आम नागरिकों का भी इलाज करें। सूत्रों ने कहा कि रक्षा सचिव अजय कुमार भी रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख की बातचीत के दौरान मौजूद रहे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल पर अब देश के कंटेनमेंट एरिया में स्थित आर्मी अस्पतालों में आम नागरिक का इलाज शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही कंटेनमेंट जोन के बाहर भी सेना मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध कराएगी। डीआरडीओ ने पहले ही दिल्ली में 250 बेड का अस्पताल शुरू कर दिया है, जिसे 500 तक बढ़ाया जाएगा।

डीआरडीओ लखनऊ में दो कोविड अस्पताल भी स्थापित कर रहा है। डीआरडीओ ने कहा था कि हमारे अस्पताल पर्याप्त नहीं होंगे, इसे ध्यान में रखते हुए सैन्य चिकित्सा सुविधाओं से हर संभव मदद की योजना बनाई जा रही है। सैन्य अस्पताल सशस्त्र बलों के कर्मियों और परिवारों के लिए हैं, लेकिन इस अभूतपूर्व समय में आम नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा।

कोरोना की पहली लहर के दौरान डीआरडीओ ने 1000 बेड का स्थायी अस्पताल शुरू किया था, जिसे फरवरी में बंद कर दिया गया था। अब एक बार फिर कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए दिल्ली में 500 बेड के अस्पताल को शुरू किया गया है। इसमें से 250 बेड का अस्पताल शुरू हो गया है। सभी बेड ऑक्सीजन से सुसज्जित हैं और बड़ी संख्या में वेंटिलेटर भी उपलब्ध हैं।

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