Wednesday, April 24, 2024
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त्यौहारी सीजन हुआ शुरू, सरकार अर्थव्यस्था में जान फूंकने को तैयार, एक और पैकेज का एलान

नई दिल्ली, । त्योहारी सीजन में अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सोमवार को सरकार ने एक और पैकेज का एलान कर दिया। इस बार सरकार दो तरीके से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने जा रही है। सरकार के पहले उपाय से उपभोक्ता की मांग में बढ़ोतरी होगी तो दूसरे से देश के जीडीपी में। इन दोनों उपायों से अगले 31 मार्च तक अर्थव्यवस्था में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की मांग निकलने की उम्मीद है। 73,000 करोड़ रुपए की मांग केंद्र और राज्य सरकार के उपायों से निकलेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक अगर उपभोक्ता खपत में बढ़ोतरी के सरकारी उपायों को संगठित निजी क्षेत्र भी अपनाते हैं तो अर्थव्यवस्था में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की अतिरिक्त मांग निकल सकती है।
उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी के उपाय

दो तरीके से उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी की जाएगी। पहले उपाय के तहत केंद्रीय कर्मचारी अपने लीव ट्रैवल कनसेशन (एलटीसी) की रकम से त्योहारी सीजन के दौरान वैसे सामान की खरीदारी कर सकेंगे जिन पर 12 फीसद या इससे अधिक की जीएसटी दर हो। टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन जैसे कई कंज्यूमर गुड्स इस श्रेणी में शामिल हैं। उन्हें 31 मार्च, 2021 से पहले यह खरीदारी करनी होगी। इस प्रकार की खरीदारी पूरी तरह से कर मुक्त होगी। साक्ष्य के रूप में जीएसटी की रसीद प्रस्तुत करना होगा।

हालांकि इस सुविधा का लाभ वही कर्मचारी ले सकेंगे जिन्होंने वर्ष 2018-21 के दौरान एलटीसी की सुविधा नहीं ली है। एक शर्त यह है कि यह सुविधा उसे ही मिलेगी जो निर्धारित किराया एलटीसी से तीन गुना खर्च करेंगे। केंद्रीय कर्मचारियों के साथ सरकारी बैंक और केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों के कर्मचारियों के लिए भी यह सुविधा होगी।

सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों के साथ सरकारी बैंक और केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों को एलटीसी वाउचर दिए जाने से अर्थव्यवस्था में 19,000 करोड़ की मांग का सृजन होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर राज्य भी अपने कर्मचारियों को इस तरीके से एलटीसी वाउचर देते हैं तो 9000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग निकलेगी।

रुपे कार्ड से सभी केंद्रीय कर्मचारियों को 10000 रुपए का त्योहारी एडवांस

अर्थव्यवस्था में मांग पैदा करने के लिए सरकार सभी केंद्रीय कर्मचारियों को रुपे कार्ड के रूप में 10,000 रुपए त्योहारी एडवांस के रूप में देगी। 10 किस्तों में इस एडवांस को लौटाने की सुविधा होगी। लेकिन 31 मार्च, 2021 तक इस एडवांस रकम को खर्च करना होगा। रुपे से होने वाले भुगतान का शुल्क सरकार करेगी।

इस एडवांस राशि के रूप में 4,000 करोड़ रुपए के भुगतान की उम्मीद है। सीतारमण ने कहा कि अगर राज्य भी अपने-अपने कर्मचारियों को त्योहारी एडवांस देते हैं तो देश भर में और 4000 करोड़ रुपए का वितरण हो सकता है। इस प्रकार त्योहारी एडवांस से 8000 करोड़ की अतिरिक्त मांग निकल सकती है।

पूंजीगत व्यय

पूंजीगत व्यय के रूप में सरकार 37,000 करोड़ रुपए निकालने जा रही है। इनमें से 12,000 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय के लिए कर्ज के रूप में राज्यों को दिए जाएंगे। इस कर्ज पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा और 50 साल में उन्हें यह कर्ज लौटाने की सुविधा होगी। इस 12,000 करोड़ में से 1,600 करोड़ उत्तर पूर्व राज्यों के लिए निर्धारित किया है। 900 करोड़ रुपए हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को दिए जाएंगे। बाकी के 7,500 करोड़ रुपए देश के अन्य राज्यों के बीच बंटेंगे।

राज्यों को पूंजीगत व्यय के कर्ज की 50 फीसद राशि अभी दी जाएगी, लेकिन उन्हें 31 मार्च, 2021 के पहले उस राशि को खर्च करना होगा। इसके अलावा पूंजीगत खर्च पर केंद्र 25,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय करेगा। यह व्यय चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए तय 4.13 लाख करोड़ के पूंजीगत खर्च से अलग होगा। पूंजीगत व्यय के तहत सड़क, सुरक्षा के ढांचा निर्माण, पानी की आपूर्ति, शहरी विकास व घरेलू स्तर पर उपकरण के निर्माण को शामिल किया गया है।(जागरण ब्यूरो)

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