देहरादून, कोरोना संक्रमण के बीच चल रहे अनलॉक-05 में स्कूल तो खुलेंगे लेकिन छात्रों के लिए यह बाध्यता नहीं होगी कि उन्हें रोज स्कूल जाना ही है। कम हाजिरी पर भी स्कूल प्रबंधन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकते। केवल वही छात्र स्कूल आ सकेंगे, जिन्हें अभिभावकों की लिखित सहमति होगी। कोरोना काल के दौरान अनलॉक-05 की एसओपी में राज्यों को 15 अक्तूबर के बाद से शैक्षिक संस्थानों को खोलने की छूट दी गई है। इस रियायत की वजह से कुछ ऊहापोह की स्थिति भी पैदा हुई। यह माना जा रहा है कि स्कूल पूरी तरह से खुल जाएंगे और छात्रों को स्कूल आना ही पड़ेगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि सरकार स्कूल खोलने पर अभिभावक, स्कूल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की सलाह के आधार पर निर्णय लेगी, केंद्र और राज्य सरकार ने संक्रमण की रोकथाम को कुछ मानक तय किए हैं। उनमें स्पष्ट कर दिया गया है कि छात्रों पर स्कूल आने की बाध्यता नहीं है। जिन्हें लगता है कि ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई ज्यादा बेहतर है, वो ऑनलाइन पढ़़ाई जारी रख सकते हैं।
क्या रहेंगे मानक
ऑनलाइन और दूरस्थ मोड में पढ़ाई जारी रहेगी, सरकार इसे प्रोत्साहित भी करेगी
स्कूल नहीं आने के इच्छुक छात्र ऑनलाइन मोड में पढ़ाई को जारी रख सकते हैं
छात्र क्लास में भी आ सकते हैं, जब उनके पास अभिभावक की लिखित अनुमति हो
स्कूल प्रबंधन छात्रों को क्लासरूम में आकर पढ़ाई के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं
उत्तराखंड़ सरकार के शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे के अनुसार अभी सरकार डीएम से परीक्षण करा रही है। एक हफ्ते में रिपोर्ट आ जाएगी उसके बाद निर्णय लिया जायेगा |
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