Saturday, April 20, 2024
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आश्चर्य…! कुत्ते की ऐसी कहानी, हर कोई जानकर रह जाता है दंग, आखिर ऐसा क्या….!

इंसानी प्यार का कर्ज निभाना तो कोई सीखे तो एक वेजुबान मणी नाम के कुत्ते से, जिसे कभी घायल स्थिति देख ठेन्गावाली का मन पसीजा और लग गये उसकी सेवा में, फिर शुरू हुआ वफादारी का क्रम जो अब भी निरंतर जारी है ..! आज हम जिस वफादार कुत्ते की कहानी आपको बताने जा रहे हैं वो असल में तमिलनाडु के एक गावं की है. बता दें की आठ साल का मणि नाम का ये कुत्ता अपने मालिक का इतना वफादार है कि वो रोज उसे उसके बिजनेस में मदद करने के लिए खुद अपने कन्धों पर 25 लीटर दूध लेकर उसे पूरे गावं में बांटता है, अब आप सोच रहे होंगे की भला एक कुत्ता ऐसा कैसे कर सकता है तो आपको बता दें की असल में इस कुत्ते को उसके मालिक ने इस तरह से ट्रेंड किया है की वो बिना किसी परेशानी के आराम से पूरे गावं में दूध बाँट आता है और गावं के लोग भी इस कुत्ते से बेहद प्यार करते हैं | रोज अपने कन्धों पर 25 लीटर दूध लेकर पूरे गांव में बांटता है ये कुत्ता, पूरा वाकया जान रह जाएंगे हैरान - The Lucknow Tribune | DailyHuntतमिलनाडु गांव एक रहने वाला ठेन्गावाली नाम के आदमी को ये कुत्ता सड़क पर घायल अवस्था में मिला था, ठेन्गावाली इस कुत्ते को अपने घर ले आया था और उसकी खूब सेवा की, जब वो ठीक हो गया तो हमेशा के लिए ठेन्गावाली के पास ही रह गया | बता दें की ठेन्गावाली के पास पांच गाय है और गांव में दूध बेचकर अपना घर चलाता है, ठेन्गावाली जब भी दूध देने गांव वालों के घर जाता तो मणि भी उसके साथ जाता था, दूध बेचने जाने से लेकर घर आने तक इस कुत्ते को पूरी जानकारी हो गयी थी किसके घर दूध पहुँचाना है और किन रास्तों से जाना है | रोज अपने कन्धों पर 25 लीटर दूध लेकर पूरे गांव में बांटता है ये कुत्ता, पूरा वाकया जान रह जाएंगे हैरान..!

इसके बाद एक दिन ठेन्गावाली के मन में ख्याल आया की क्यूँ ना मणि को ही दूध देने गावं में भेजा जाए इससे उसका समय भी बचेगा और वो दूसरे काम भी कर पायेगा, इसके बाद ठेन्गावाली ने मणि के लिए एक लकड़ी का पुलोवर बनाया और उसे मणि के कन्धों से बाँध कर उस पर 25 लीटर दूध रखकर उसे पूरे निर्देश के साथ गांव की तरफ रवाना कर देता, ऐसे में घर घर जाकर दूध देने से लोग इसको बहुत मानने लगे, अब ये जहाँ भी जाता लोग इसे दूध और बिस्कुट खाने को जरूर देते, गांव के बच्चे भी मणि से काफी हिलमिल गए और उन्होंने मणि के साथ खाली समय में खेलना शुरू कर दिया, ठेन्गावाली का कहना है की पहले वो और उसकी बेटी गावं में दूध देने जाते थे लेकिन मणि के आने के बाद उनका काम काफी आसान हो गया है |

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