Wednesday, April 17, 2024
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देहरादून : घर बनाने का सपना हुआ दूर, प्राधिकरण ने की शमन शुल्क में बढ़ोत्तरी

देहरादून(सुनील घिल्ड़ियाल), आज की महंगाई के दौर में अपने घर का सपना देखने वाले परिवारों के सपने चकनाचूर होते नजर आ रहे हैं. कारणं विकास प्राधिकरणों द्वारा शमन शुल्क में की गई बढोत्तरी के कारण पूर्व में निर्मित ऎसे भवन जो कि प्राधिकरण की सीमा से बाहर थे या यूं कहें कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने के कारण भू उपयोग कृषि था आज भू उपयोग आवासीय है और दूसरी बात जिन भवनों में स्वीकृत नक्शे से हटकर कुछ हिस्सा बढ जाता है जो कि सैट बैक को प्रभावित नहीं करता तो ऐसे मकानों में शमन शुल्क सर्किल रेट का 15 प्रतिशत के गुंणाक से बढे हुए क्षेत्रफल पर लिया जा रहा है

उदाहरण के तौर पर यदि किसी मकान का क्षेत्रफल 45 वर्ग मीटर बढा है और सर्किल रेट 16000 रुपये है तो 45 x16000 x15% = रुपये 108000 जो कि पहले 100 वर्ग मीटर तक केवल 5000 रुपये जमा होता था तथा आगे की ओर बढे भाग पर भूतल में सर्किल रेट का 100 प्रतिशत व पीछे की ओर बढे क्षेत्रफल पर सर्किल रेट का 50 प्रतिशत तथा साइड में बढे भाग पर 75 प्रतिशत लगता था और हर फ्लोर पर 200 रुपये की दर से लगता था जो कि हर आदमी की जेब को स्वीकार्य था और राजस्व में भी बढोत्तरी थी.

आज आगे पीछे साइडों के बढे भाग पर सर्किल रेट का 125 प्रतिशत तक हर फ्लोर पर शमन शुल्क देना पड रहा है जो कि हर व्यक्ति के लिए देय सम्भव नहीं हो पा रहा है। कई बार आर्किटेक्ट इंजीनियर्स एशोसिएशन द्वारा एम डी डी ए उपाध्यक्ष को भी रेट पूर्व की भांति करने के लिए लिखित रूप में दिया गया और समाचार पत्रों के माध्यम से भी सरकार तक जनता के दर्द को बयां किया गया लेकिन वर्तमान राज्य सरकार का जनता की परेशानियों को सुनने समझने और उनका समाधान करने के लिए समय नहीं है जनता की समस्याएं 2022 में ही समझ आएंगी और आश्वासन देते हुए शांत करा दिया जाएगा जैसा कि अक्सर होता आया है. जनता एम डी डी ए व राज्य सरकार के इस जनविरोधी नीति का घोर निंदा कर रही है इसीलिए आज एम डी डी ए का राजस्व घटा है.

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