Saturday, April 20, 2024
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बड़ी खबर : हाई कोर्ट के आदेश, अशासकीय स्कूलों में प्रधानाचार्य का जिम्मा संभाल रहे प्रवक्ता तत्काल होंगे रिवर्ट,

देहरादून, उत्तराखंड़ में अशासकीय स्कूलों में प्रधानाचार्य का जिम्मा संभाल रहे प्रवक्ताओं को तत्काल रिवर्ट किए जाने के आदेश दे दिए गए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उत्तराखण्ड़ शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने गुरूवार को गढ़वाल-कुमाऊं के मंडलीय अपर निदेशकों को कार्रवाई के आदेश दिए। ऐसा नहीं होने पर सीईओ पर तो कार्रवाई होगी ही, साथ ही स्कूल का अनुदान भी रोक दिया जाएगा। विभाग के कड़े रुख से अशासकीय स्कूलों में बेचैनी है। यहां 350 से ज्यादा सहायता-प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में से कई जगह नियमविरुद्ध तरीके से वरिष्ठ प्रवक्ता ही प्रधानाचार्य का काम देख रहे हैं।
सूत्र बतातें हैं कि ऐसे कई स्कूलों में अनर्ह वरिष्ठ प्रवक्ता ही प्रधानाचार्य का प्रभार संभाले हैं। हाईकोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया है। शिक्षा निदेशक अनुसार, छह महीने से ज्यादा वक्त से तैनात ऐसे सभी प्रवक्ताओं को मूल पद पर रिवर्ट किया जाएगा। इसके लिए एक महीने का वक्त दिया गया है। यदि प्रवक्ता रिवर्ट न हुए तो सीईओ जिम्मेदार होंगे। प्रधानाचार्य के खाली पदों पर दो माह में भर्ती होगी।
निदेशक कुंवर ने कहा कि आगे भी प्रवक्ताओं को प्रधानाचार्य का चार्ज किसी भी सूरत में नहीं दिया जाए। यदि ऐसा किया गया तो उनके सभी वित्तीय देयकों के भुगतान की जिम्मेदारी स्कूल की होगी। नियम नहीं मानने पर ऐसे अशासकीय स्कूलों की सरकारी मदद भी बंद की जाएगी।

क्या है विवाद
प्रधानाचार्य के रिटायरमेंट से पहले 5,400 ग्रेड-पे पा चुके प्रवक्ता को डाउनग्रेड प्रधानाचार्य बनाने का नियम है। इस डाउनग्रेड पर पांच साल सेवा के बाद प्रवक्ता को 7,600 रुपये ग्रेड देकर पूर्ण प्रधानाचार्य बना दिया जाता है। मगर, कई स्कूलों में प्रधानाचार्य के रिटायरमेंट के वक्त 5,400 ग्रेड-पे वाले प्रवक्ता न होने पर किसी वरिष्ठ प्रवक्ता को प्रभार दे दिया जाता था, अनर्ह होने के कारण उन्हें वर्षों बाद भी प्रधानाचार्य नहीं बनाया जाता था।

दून के कुछ प्रभारी प्रधाचार्यो ने हाईकोर्ट में करी थी अपील

देहरादून के कुछ प्रभारी प्रधानाचार्यों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों को रिवर्ट करने के आदेश दिए हैं। इससे शिक्षा विभाग को करोड़ों का हर्जाना भरना पड़ रहा है।

“शासन के आदेश के बाद दोनों अपर निदेशकों को कार्रवाई के लिए कहा गया है। भविष्य में नियम उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाएगी।”
-आरके कुंवर, शिक्षा निदेशक

“वर्ष 2018, 25 अप्रैल को जारी जीओ में कहा गया है कि प्रधानाचार्य के रिटायरमेंट के वक्त अनर्ह शिक्षकों को चयन वेतन पाने के बाद की तारीख से गणना करते हुए लाभ दिया जा सकता है।”
-अवधेश कौशिक, प्रदेश महामंत्री उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद

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