Wednesday, April 24, 2024
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मेलाधिकारी से मिलकर नगर की समस्याओं से कराया अवगत

हरिद्वार  (कुल भूषण शर्मा) भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी एवं पार्षद विनित जौली ने नगर की अनेक समस्याओं के समाधान हेतु कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत से भेंटकर समस्याओं के निदान हेतु उन्हें ज्ञापन सौंपा। ।
भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि कुम्भ मेले के अवसर पर तीर्थनगरी पहुचने वाले अधिकांश तीर्थयात्रियों का दवाब उत्तरी हरिद्वार के स्नान घाटों पर रहता है।

जिनमें सूखी नदी वेद निकेतन घाट से लेकर हाइवे तक लगभग एक दर्जन घाट निजी संस्थाओं द्वारा निर्माण करवाकर संचालित किये जा रहे हैं। अनेक घाटों पर सीढ़ियां क्षतिग्रस्त हैं, रैलिंग व चैन टूटी है तथा घाटों पर गड्ढे भी बन गये हैं। तीर्थयात्रियों व स्थानीय निवासियों के सुगम स्नान व सुरक्षा के दृष्टिगत उक्त घाटों की मरम्मत होना अत्यन्त आवश्यक है। इस समस्या के समाधान हेतु कुम्भ मेलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को घाटों की मरम्मत शीघ्र कराने हेतु निर्देशित किया। साथ ही अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि सप्त सरोवर से शिवमूर्ति का क्षेत्र जो यात्री बाहुल्य होने के साथ-साथ राजाजी नेशनल पार्क व वन क्षेत्र से सटा हुआ है।

यहां आवारा पशुओं पषु निरन्तर क्षेत्र में घूमते रहते हैं। जहां ये आवारा पशु आने-जाने वालों को घायल करते रहते हैं साथ ही कोरोना व डंेगू महामारी काल में संक्रमण फैलाने का भी कार्य कर रहे हैं, भूपतवाला में मुखिया गली, आदर्श नगर, मोतीचूर रेलवे स्टेशन, दुर्गानगर, कमलदास कुटिया, नंगली बेला, अनुभवी आश्रम, पावनधाम रोड के साथ-साथ खड़खड़ी, नई बस्ती, रामगढ़, भीमगोडा, मोती बाजार, ब्रह्मपुरी, मंसा देवी मार्ग, श्रवणनाथ नगर, बिल्वकेश्वर कॉलोनी, निर्मला छावनी में लंगूर व बंदरों का आतंक व्याप्त है। इस समस्या के निदान के लिए कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि आवारा पशुओं के लिए नगर निगम व हिंसक लंगूर व बंदरों के लिए वन विभाग के माध्यम से अभियान चलवाया जायेगा।

वार्ड नं. 10 के पार्षद विनित जौली ने अपर रोड स्थित सूरजमल धर्मशाला के पीछे से लेकर जैन मंदिर ललतारौ पुल तक लगभग 500 मीटर क्षतिग्रस्त नाले की मरम्मत/निर्माण कराने की मेलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि वर्षाकाल में यह कच्चा नाला क्षेत्र में परेशानी का सबब बना रहता है। अतः जनहित में इस नाले का निर्माण होना अत्यन्त आवश्यक है। कुम्भ मेलाधिकारी ने एचआरडीए के माध्यम से नाला निर्माण की सहमति प्रदान करते हुए एचआरडीए के अधिकारियों को इस संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया।।

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